भोपाल (ईन्यूज एमपी)-मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होगा। इस दौरान कांग्रेस ओबीसी आरक्षण का मुद्दा उठाएगी। इसके लिए पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक डाॅ. गोविंद सिंह स्थगन प्रस्ताव देंगे। इसे लेकर सदन में हंगामा होने के आसार हैं। दरअसल, इस मुद्दे काे लेकर पिछले तीन दिन से कांग्रेस-बीजेपी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट गई थी। कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने पंचायत चुनाव में आरक्षण के लिए रोटेशन प्रक्रिया का पालन नहीं किया, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी न कि ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर। अब विधानसभा में इसको लेकर दोनों दलों का आमना-आमना होगा। शीतकालीन सत्र से एक दिन पहले कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। इसमें राजनैतिक प्रस्ताव पारित हुआ कि ओबीसी आरक्षण के मामले में चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव दिया जाएगा। बैठक में यह भी तय किया गया कि पांच दिन चलने वाले इस सत्र दौरान प्रदेश में खाद की कमी, गांवों में अघोषित बिजली कटौती, कानून व्यवस्था, आदिवासियों पर अत्याचार, मंहगाई और रोजगार के मुद्दे उठाकर सरकार को घेरा जाएगा। कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक डॉ. गोविंद सिंह और पूर्व मंत्री तरुण भनोत का कहना है कि सरकार न तो किसानों को खाद दे पा रही है और न ही बिजली। गांवों में अघोषित बिजली की कटौती हो रही है। खाद लेने के लिए किसान दुकानों के बाहर लाइन लगाकर बैठे हैं। पुलिस लाठीचार्ज कर रही है। सरकार दावा कर रही है कि पर्याप्त मात्रा में खाद है। इसका जवाब सदन में लिया जाएगा। वहीं, कानून व्यवस्था की स्थिति खराब है। दूसरी तरफ बीजेपी विधायकों की बैठक रविवार शाम सीएम हाउस में बुलाई गई। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सहित वरिष्ठ मंत्री पार्टी विधायकों को टिप्स दिए कि विपक्ष के आरोपों का जवाब कैसे दिया जाए? मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधायक दल की बैठक में सदस्यों को परिवार समेत आने का न्यौता दिया था। विधायक दल की बैठक के बाद डिनर आयोजित किया गया है। प्रश्नकाल में सिर्फ पूरक प्रश्न ही पूछ सकेंगे विधायक सत्र में प्रश्नकाल के दौरान सदस्य लिखित प्रश्न नहीं पूछेंगे और न ही मंत्री लिखित उत्तर पढ़ेंगे। संबंधित सदस्य को सीधे पूरक प्रश्न पूछना होगा। प्रश्नकाल में अधिक से अधिक सदस्यों को मौका मिल सके, इसलिए यह नई व्यवस्था लागू की जा रही है। इस पर रविवार को विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में सहमति बनी। नवाचार के साथ होगा सत्र - गौतम सर्वदलीय बैठक के बाद विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि हमारी कोशिश जनहित के मुद्दों पर सार्थक चर्चा करना है। इस बार के सत्र में कई नवाचार किए जा रहे हैं। विधायकों से कहा गया है कि वह सवाल और जवाब पहले से स्टडी करके आएं। सिर्फ पॉइंट-टू-पॉइंट बात होने से सदन का समय बचेगा। 22 दिसंबर को पहली बार के विधायकों और महिलाओं के प्रश्न पूछे जाएंगे। बाकी प्रश्नों को दूसरे दिन के शेड्यूल में रखा गया है। सत्र की अवधि बढ़ाने की विपक्ष की मांग पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि दिन नहीं बढ़ाए जा सकते, लेकिन सदन का समय बढ़ाया जाएगा। शाम को 5 बजे की जगह देर शाम तक सत्र चलाया जाएगा।