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Home मध्य प्रदेश भाजपा सरकार की लापरवाही की वजह से छिने अन्य पिछड़ा वर्ग के अधिकार......

भाजपा सरकार की लापरवाही की वजह से छिने अन्य पिछड़ा वर्ग के अधिकार......

भोपाल, (ईन्यूज एमपी)- त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग की आरक्षण को लेकर जो स्थिति बनी है उसके लिए भाजपा सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है। याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में जो याचिका लगाई थी उनमें अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण का विषय ही नहीं था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा जो व्यवस्था दी गई है उसको लेकर न तो भाजपा सरकार और न ही राज्य निर्वाचन आयोग के अधिवक्ताओं द्वारा कोई पक्ष रखा गया। भाजपा के नेता अपनी गलती छुपाने के लिए कांग्रेस पर आरोप लगा रहे हैं। जबकि, वास्तविकता यह है कि चाहे पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति या फिर अनुसूचित जनजाति वर्ग हो, सभी वर्गों के हितों के संरक्षण का काम कांग्रेस की सरकारों ने ही किया है। यह बात प्रदेश के पूर्व पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल ने रविवार को पत्रकार वार्ता में कही।


प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता आरोप लगा रहे हैं कि कांग्रेस के द्वारा पंचायत चुनाव को रुकवाने के लिए न्यायालय में याचिका दायर कराई गई थी। जबकि, यह असत्य है। प्रभावित व्यक्तियों द्वारा न्यायालयों में याचिका लगाई गई थीं। कांग्रेस का पहले दिन से स्पष्ट मत रहा है कि चुनाव संविधान के मुताबिक होने चाहिए। हमने अपनी तैयारी भी चुनाव को लेकर प्रारंभ कर दी थी। याचिकाकर्ताओं ने कहीं पर भी अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर कोई विषय न्यायालय में नहीं उठाए थे। सुप्रीम कोर्ट द्वारा जो निर्णय दिया गया उस पर राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग के अधिवक्ताओं द्वारा कोई पक्ष नहीं रखा गया, जिसकी वजह से यह स्थिति बनी है। इसके लिए पूरी तरह से भाजपा सरकार जिम्मेदार है क्योंकि उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए था कि मध्य प्रदेश में पिछड़ा वर्ग को जो आरक्षण दिया जा रहा है, वह विधि सम्मत है। इसके लिए दिग्विजय सरकार के समय नियम बनाए गए थे।


सरकारी नौकरियों में अन्य पिछड़ा वर्ग को 14 प्रतिशत आरक्षण देने का काम कांग्रेस की सरकार ने ही किया था। कमल नाथ सरकार में इसे बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया गया लेकिन भाजपा के लोगों ने ही इसे हाईकोर्ट में चुनौती देकर विवादित करने का काम किया है। दरअसल, भाजपा शुरू से ही आरक्षण विरोधी रही है और नहीं चाहती है कि पिछड़ा वर्ग के लोग मुख्यधारा में आए। उन्होंने सरकार से मांग की है कि अन्य पिछड़ा वर्ग को लेकर जो निर्णय आया है उसके संबंध में पुनर्विचार याचिका दायर करे। कांग्रेस पार्टी भी अब इस पर विचार कर रही है। वहीं, जेपी धनोपिया ने कहा कि भाजपा द्वारा अपनी असफलता को छुपाने के लिए भ्रम फैलाया जा रहा है कांग्रेस की ओर से कोई याचिका दायर नहीं की गई थी। मनमोहन नागर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने जो याचिका दायर की थी, उसमें आरक्षण चक्रानुक्रम से करने और परिसीमन को निरस्त करके चुनाव कराने का मुद्दा उठाया गया था।

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