ग्वालियर(ईन्यूज एमपी)- ग्वालियर में शासकीय धनराशि को निकालकर उसका इस्तेमाल निर्माण कार्य पूरा कराने में उपयोग न करते हुए शासकीय धन का दुरूपयोग करने वाले तीन ग्राम पंचायतों के पूर्व सरपंचों को जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है। इस कड़ी में जिला पंचायत के CEO ( मुख्य कार्यपालन अधिकारी) एवं विहित प्राधिकारी आशीष तिवारी ने पंचायत राज अधिनियम की धारा-92 के तहत आदेश जारी किए हैं। जिसके चलते किरावली ग्राम पंचायत की पूर्व सरपंच कमलाबाई पत्नी जालिम सिंह जाटव को अभिरक्षा में लेकर 30 दिवस के लिये जेल में रखने के निर्देश अधिकारी अर्थात अधीक्षक केन्द्रीय कारागार को दिए हैं। CEO (मुख्य कार्यपालन अधिकारी) जिला पंचायत आशीष तिवारी ने बताया कि पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत किरावली कमलाबाई पत्नी जालिम सिंह द्वारा राजीव गांधी शिक्षा मिशन के अंतर्गत स्वीकृत शासकीय माध्यमिक विद्यालय भवन डगौरा के लिए जारी की गई लगभग 85 हजार रूपए की राशि, शासकीय माध्यमिक विद्यालय छोंदी में अतिरिक्त कक्ष निर्माण की लगभग 2 लाख 81 हजार व शासकीय प्राथमिक विद्यालय छोंदी में अतिरिक्त कक्ष निर्माण की लगभग एक लाख 33 हजार तथा ग्राम पंचायत स्तर के निर्माण कार्यों के लिये जारी की गई लगभग 5 लाख 3 हजार रूपए की राशि निकालकर अनाधिकृत रूप से अपने पास रखी गई। इस प्रकार उन्होंने इस राशि का दुरूपयोग किया। इनके द्वारा लगभग 2 लाख 51 हजार 681 रूपए की शासकीय धनराशि खजाने में जमा नहीं कराई गई है। पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत किरावली के विरूद्ध मध्यप्रदेश पंचायतीराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 के अंतर्गत वसूली का प्रकरण पंजीबद्ध कर उक्त राशि चुकाने के लिए समय दिया गया। पर उन्होंने रकम नहीं चुकाई। प्रकरण में अधिनियम की धारा 89 अंतर्गत प्राप्त जांच प्रतिवेदन अनुसार दोषी साबित होने के कारण विचार उपरांत अंतिम आदेश पारित कर 15 दिवस में रकम शासकीय कोष में जमा करने के लिए आदेशित किया गया था, पर पूर्व सरपंच द्वारा राशि जमा नहीं कराई गई। इसके बाद विहित प्राधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ग्वालियर न्यायालय ने मध्य प्रदेश पंचायतीराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 की उप धारा 2 के अधीन जेल में सुपुर्द करने का वारंट जारी कर दिया है।