भोपाल (ईन्यूज एमपी)- उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा पंचायत चुनाव पर रोक लगाने से इन्कार करने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयारियां तेज कर दी हैं। 13 दिसंबर से पहले और दूसरे चरण के लिए चुनाव की अधिसूचना जारी करने के साथ नामांकन का सिलसिला प्रारंभ हो जाएगा। इसकी तैयारियों के लिए राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने संभागायुक्त, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक की बैठक बुलाई है। वहीं, निर्वाचन अधिकारियों को राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर द्वारा प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों की समीक्षा शुक्रवार को की जाएगी। इसमें राज्य निर्वाचन आयुक्त द्वारा आचार संहिता का सख्ती से पालन कराने से लेकर जिला स्तरीय पर नामांकन पत्र लेने से लेकर मतदान केंद्र, मतदाता सूची, सुरक्षा व्यवस्था, मतदान सामग्री और कोरोना संक्रमण से बचाव संबंधी तैयारियों की जानकारी ले जाएगी। आयोग के सचिव बीएस जामोद ने बताया कि शुक्रवार को चार बजे से निर्वाचन अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें मतदान सामग्री का वितरण और वापसी की प्रक्रिया, पीठासीन अधिकारी एवं मतदान अधिकारी की भूमिका, मतदान दिवस की व्यवस्था, मतगणना प्रक्रिया एवं निर्वाचन परिणाम की घोषणा के संबंध में जानकारी दी जाएगी। आरक्षण व्यवस्था के विरोध में सुप्रीम कोर्ट पहुंची कांग्रेस उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा पंचायत चुनाव की आरक्षण व्यवस्था को लेकर आपत्ति वाली याचिका पर कोई राहत न दिए जाने को लेकर कांग्रेस अब उच्चतम न्यायालय पहुंच गई है। पार्टी के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष सैयद जाफर ने याचिका दायर की है। इसमें जिस आरक्षण व्यवस्था से चुनाव कराए जा रहे हैं, उसे संविधान और नियमों के विरुद्ध बताते हुए हस्तक्षेप की मांग की है। उधर, प्रदेश कांग्रेस के पंचायत राज प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डीपी धाकड़ की ओर से भी याचिका लगाई जा रही है। उन्होंने बताया कि पंच से लेकर जिला पंचायत सदस्य के चुनाव 2021 में वर्ष 2014 के आरक्षण से कराए जा रहे हैं। जबकि, जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए 14 दिसंबर को नए सिरे से आरक्षण किया जा रहा है। आरक्षण की दोहरी व्यवस्था संविधान के विरुद्ध है। इससे महिला, अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के हित प्रभावित हो रहे हैं।