भोपाल (ईन्यूज एमपी)-सरकार ने बुरहानपुर एडिशनल SP अभिषेक दीवान को निलंबित कर दिया है। उन्हें वर्ष 2014 में श्योपुर में दर्ज मामले में कोर्ट से सजा होने के बाद शासन ने यह कार्रवाई की है। उन्हें मारपीट की धाराओं में दर्ज मामले में दोषी पाया है। श्योपुर के कोर्ट ने उन्हें 6 महीने के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही, एक हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। अदालत ने 4 दिन पहले उन्हें दोषी माना था। इसके बाद सरकार ने यह कार्रवाई की है। बता दें कि श्योपुर जिले के सिरसौद गांव निवासी पूरन लाल के खिलाफ गांव के ही कजुरा पुत्र गोबरिया आदिवासी ने हत्या के प्रयास के मामले में उसके खिलाफ मामला दर्ज कराया था। उससे पहले पूरन लाल पुत्र के साथ रिपोर्ट दर्ज कराने थाना आवदा गया था, लेकिन उसकी रिपोर्ट थाना आवदा में दर्ज नहीं की गई। दोनों को थाने पर ही बिठा लिया। उसी दिन को अभिषेक दीवान SDOP बड़ौदा पूरन व उसके बेटे अशोक को थाना आवदा से बड़ौदा ले आए। इसके बाद SDOP ने दोनों के साथ मारपीट की। तीन दिन तक उनके साथ मारपीट की। तीन दिन बाद SDOP ने उन्हें कोर्ट के सामने पेश किया। उससे पहले मेडिकल कराया गया, जिसमें बताया गया कि दोनों को चोट नहीं आई है। छुट्टी के दिन दोनों को कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने दोनों का मेडिकल परीक्षण कराने का आदेश दिय। इसके बाद दोनों की मेडिकल जांच कराई गयी। मेडिकल जांच में उनको चोटें पाई गईं। जांच में सामने आया कि आरोपी शासकीय सेवा पुलिस अधिकारी के पद पर पदस्थ है। साफ है कि आरोपी एक पुलिस अधिकारी है। समाज में पुलिस का दायित्व पीड़ितों के अधिकारों की रक्षा करना है। इसके बाद आरोपी अपने पावर का दुरुपयोग किया है। श्योपुर के न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सौरभ सिंह की कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। अदालत ने तत्कालीन SDOP को दोषी माना है। तीन दिन पहले कोर्ट ने इस मामले में आरोपी को सजा सुनाई। कोर्ट ने आरोपी पुलिसकर्मी को दोषी मानते हुए 6 महीने की सजा सुनाई। साथ ही, आरोपी को 1 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया। जुर्माना न भरने पर एक महीने का कारावास अलग से भुगतना पड़ेगा।