सीधी (ईन्यूज एमपी)-दिनांक 29.11.2021 को माननीय विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) सीधी द्वारा निर्णय पारित कर आरोपी हरिलाल वर्मा पिता रसीले वर्मा उम्र-50 वर्ष, राजस्व निरीक्षक गिर्द प्रथम, तहसील गोपदबनास जिला सीधी को धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के अंतर्गत 04 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 रूपए अर्थदंड एवं धारा 13 (1) (डी) सहपठित धारा 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के अंतर्गत आरोपी को 04 वर्ष का सश्रम कारावास तथा 5000 रूपए अर्थदंड से दंडित किया। कु. सीनू वर्मा मीडिया सेल प्रभारी (लोक अभियोजन) सीधी द्वारा घटना का संक्षिप्त विवरण बताया गया कि आरोपी ने दिनांक 09.06.15 को तत्कालीन आर.आई. राजस्व निरीक्षक मंडल गिर्द-प्रथम तहसील गोपदबनास, जिला सीधी के पद पर लोक सेवक की हैसियत से पदस्थ होकर फरियादी सूर्यनारायण गुप्ता से उसकी ग्राम कोतरकला स्थित भूमि खसरा नंबर 111/1/1 रकवा 3.776 है., जिसका 1/10 हिस्सा फरियादी के भाई शंकर गुप्ता ने धोखा धड़ी करके अपनी पत्नी गीता गुप्ता के नाम रजिस्ट्री करवा लिया था। आरोपी नियम विरूद्ध गीता गुप्ता के पक्ष में सीमांकन करना चाहता था। आरोपी ने सीमांकन कार्यवाही रोकने के एवज में अवैध पारितोषिक के रूप में फरियादी से 5000 रूपए की मांग की। दिनांक 09.06.15 को फरियादी ने आरोपी के विरूद्ध पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त कार्यालय रीवा के समक्ष आवेदन पत्र प्रस्तुत किया। पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त रीवा के निर्देशानुसार लोकायुक्त रीवा टीम के द्वारा अभियुक्त को उस मांग के परिपेक्ष्य में दिनांक 11.06.15 को फरियादी सूर्यनारायण सिंह से 5000 रूपए रिश्वुत लेते हुए पकड़ा गया। इसप्रकार आरोपी ने 5000 रूपए पारितोषिक के रूप में प्राप्त कर आर्थिक/धनीय लाभ प्राप्त किया। विवेचना उपरांत अभियोगपत्र माननीय विशेष न्यायालय (भ्रष्टा्चार निवारण अधिनियम) सीधी के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिससे संबंधित अपराध क्र. 234/15 एवं विशेष सत्र प्रकरण क्र. 03/16 में श्री प्रशांत कुमार पाण्डेनय, सहा. जिला अभियोजन अधिकारी सीधी ने सशक्त पैरवी करते हुए अंतिम तर्क में मौखिक रूप में उचित एवं प्रभावशील तर्क रखते हुए आरोपी हरिलाल वर्मा को दोषी प्रमाणित कराया गया।