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Home मध्य प्रदेश MP में कई जगहों पर वोटिंग का बहिष्कार,सड़क नहीं तो वोट नहीं के नारे के साथ हुआ बहिष्कार....

MP में कई जगहों पर वोटिंग का बहिष्कार,सड़क नहीं तो वोट नहीं के नारे के साथ हुआ बहिष्कार....

भोपाल(ई न्यूज एमपी)-मध्यप्रदेश की खंडवा लोकसभा सीट के साथ ही तीन विधानसभा सीट रैगांव, जोबट और पृथ्वीपुर में वोटिंग के दौरान वोटरों में नाराजगी भी देखी गई। कई जगह चुनाव के बहिष्कार के साथ ही EVM में गड़बड़ी की शिकायतें भी मिलीं हैं। खंडवा लोकसभा क्षेत्र में वोटर्स की नाराजगी ज्यादा देखने को मिली।

बुरहानपुर में पट्‌टे नहीं तो वोट नहीं के लगे नारे
बुरहानपुर जिले के नेपानगर में चूना भट्टा क्षेत्र के राजीव नगर में एक बार फिर मुख्य द्वार पर मतदान के बहिष्कार का बैनर लगा दिया गया। इससे पहले नेपानगर विधानसभा उपचुनाव में ठीक एक साल पहले यहां बैनर लगाकर जनप्रतिनिधियों का वार्ड में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया था। इस बार भी युवा, बुजुर्ग और महिला मतदाताओं ने हाथ में पोस्टर लेकर चुनाव का बहिष्कार किया। दरअसल, यहां करीब 40 साल से रह रहे परिवारों को पट्टे नहीं मिले हैं।


पिछली बार भी राजीव नगर में हर पार्टी का विरोध किया गया था। इस बार भी लोकसभा उपचुनाव में मतदान बहिष्कार की चेतावनी दी गई है। यह क्षेत्र एससी और एसटी बाहुल्य है। यहां रहवासियों ने एक बार फिर पट्‌टे नहीं मिलने से नाराज होकर विरोध प्रदर्शन किया। शनिवार सुबह विरोध में नारेबाजी भी की।

चारों सीटों पर मतदाताओं को तकनीकी गड़बड़ी की वजह से मतदान के लिए इंतजार भी करना पड़ा। खंडवा लोकसभा सीट के डोईफोड़िया गांव में बूथ क्रमांक 272 पर डेढ़ घंटे तक वोटरों को मतदान के लिए इंतजार करना पड़ा।

इंदिरा कॉलोनी के बूथ-213 पर EVM के कारण आधा घंटा देरी से वोटिंग शुरू हो पाई। पातोंडा गांव के साथ ही रूईकर वार्ड में भी EVM में तकनीकी गड़बड़ी आई। सतना के रैगांव मतदान केंद्र में ताे कांग्रेस प्रत्याशी का नाम और फोटो लगा झोला भी मिला।


रोड नहीं बनने पर मतदान नहीं करने का लिया निर्णय
खंडवा के पंधाना विधानसभा की टेमी ग्राम पंचायत के गांव अरदलाकला में भी ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया। वोटरों का कहना है कि सालों ने वे सड़क की मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। जब हमारी सुनी ही नहीं जाती तो हम वोट क्यों डालें? मतदान के बहिष्कार की बात सुन तत्काल ग्रामीणों से बात करने प्रशासनिक अधिकारी पुलिस बल के साथ पहुंचे। घंटों तक समझाने के बाद भी ग्रामीणों मतदान करने को तैयार नहीं हुए।

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