अशोकनगर (ईन्यूज एमपी)- सामूहिक दुष्कर्म की झूठी रिपोर्ट लिखाने वाली महिला को न्यायालय ने दोषी माना है। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश के न्यायालय ने इस महिला और मामले में सह आरोपित गुड्डीबाई पत्नी स्व. रमेश ओझा उम्र 46 साल निवासी नहर कालोनी अशोकनगर, गोपाल रजक पुत्र कल्याण उम्र 29 साल निवासी आजाद मोहल्ला अशोकनगर को 10-10 वर्ष की सजा व 2000-2000 रुपये के अर्थदंड लगाया है। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक जफर अहमद कुरैशी ने पैरवी की। मीडिया सेल प्रभारी आजम मोहम्मद ने बताया कि फरियादी ने 11 अगस्त 2014 को आरोपीगण के विरूद्ध देहात थाने पर रिपोर्ट की। जिस पर से पुलिस ने अपराध कमांक 341/14 धारा 376(2)(जी), 506, 34 भादवि का कायम कर विवेचना में लिया। आरोपितों से पूछताछ की गई। आरोपितों ने अपना डीएनए परीक्षण करवाने का निवेदन किया, जिस पर पुलिस अधीक्षक की अनुमति प्राप्त कर आरोपितों का डीएनए परीक्षण कराया गया, जिसका फरियादी से मिलान नहीं हुआ। आरोपीगण व साक्षियों के कथन लिए गए। प्रकरण में संदेही गोपाल व एक अन्य व्यक्ति का डीएनए परीक्षण कराया गया, तो फरियादी तथा संदेही गोपाल रजक का डीएनए का मिलान होना पाया गया। बाद प्रकरण की फरियादी व आरोपी गुडडीबाई एवं गोपाल रजक के विरूद्ध धारा 376 (2) (जी), 211, 182, 193, 196, 120 भादवि का सिद्ध पाये जाने से अभियोग पत्र विचारण न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। न्यायालय के समक्ष अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों एवं तर्कों से सहमत होते हुए न्यायालय द्वारा अभियुक्त गुड्डीबाई को 182 भादवि में 6 माह, 193 भादवि में 3 वर्ष व 1000 रुपये अर्थदण्ड, 195 भादवि में 10 वर्ष, 211 भादवि में 1 वर्ष एवं 120बी भादवि में 10 वर्ष व 1000 रुपये के अर्थदण्ड व अभियुक्त गोपाल रजक को 182 भादवि में 6 माह, 193 भादवि में 3 वर्ष व 1000 रुपये अर्थदण्ड, 195 भादवि में 10 वर्ष, 211 भादवि में 1 वर्ष एवं 120बी भादवि में 10 वर्ष व 1000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किए जाने का निर्णय पारित किया।