भिंड(ईन्यूज एमपी)- जिले में रमटा गांव के राघवेंद्र सिंह भदौरिया का कत्ल की सूचना के बाद पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। हर कोई इस बात को लेकर आश्चर्य में है कि आखिर राघवेंद्र की हत्या क्यों हुई? पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम् कराकर परिजनों को सौंप दिया। मृतक की अंत्योष्टि के दौरान हर कोई गमगीन था। हालांकि पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों का पकड़ लिया है जिन्होंने हत्या किया जाना स्वीकारा है। मृतक राघवेंद्र पेशे से किसान था। वह अपने पिता का इकलौता बेटे था। वो गुरुवार को नवरात्र के पहले दिन पड़वा से शुभ मुहूर्त में मकान निर्माण गांव में कराना चाहता था। इसके लिए उसने गांव की कुछ जमीन को बेचा था। मृतक के पास मकान निर्माण के लिए सात से आठ लाख रुपए थे। वो बुधवार की दोपहर गांव से मिस्त्री को लेकर भिंड गया। यहां उसने मकान निर्माण के लिए मटेरिया की बुकिंग की और अपने चचेरे भाई पास जाकर मकान बनवाने की बात कही। इसके बाद दोपहर करीब दो बजे वो गांव रमटा आया और मिस्त्री को छोड़ा। इसके बाद फिर से उसने बाइक उठाई। शाम के समय वो फिर भिंड की ओर चला गया। इस बार किसी को कुछ बताकर नहीं गया। रात करीब 11 बजे तक राघवेंद्र घर वापस नहीं लौटा तो परिवार वालों को फिक्र हुई। इसके बाद राघवेंद्र की पत्नी ने भिंड में रहने वाले परिवार वालों को फोन करके पूछा, परंतु कही कोई जानकारी नहीं लगी। पहले तो राघवेंद्र का फोन रिसीव नहीं हो रहा था। रात करीब 11 बजे फोन रिसीव हुआ। कोई अन्य युवक फोन पर बोल रहा था। उसने परा गांव का रहने वाला बताया, उसने अपना नाम नहीं बताया। राघवेंद्र की पत्नी को सिर्फ यह कहा कि फोन सड़क किनारे पड़ा हुआ था। मुझे मिल गया। यह बात सुनकर राघवेंद्र की पत्नी का माथ ठनका। इसके बाद वो पति के आने के इंतजार करती रही। गुरुवार की सुबह जब राघवेंद्र के बेटे अमन और रमन जागे वे भी पिता की खोज इधर उधर करते रहे। सुबह आठ बजे मिस्त्री भी आ गया। इसके बाद करीब नौ बजे राघवेंद्र के कत्ल की सूचना गांव में आग की तरह फैल गई। मृतक की पत्नी से छिपाकर रखी मर्डर की बात मृतक का परिवारिक सदस्य अशोक भदौरिया के मुताबिक सुबह नौ बजे परिवार का लड़का सुभाष, दूध बेचने के लिए गया, तभी सड़क किनारे पुलिस को देखा। यहां वो भी रूक गए। उन्होंने देखा कि राघवेंद्र की बाइक पड़ी हुई है। इस बाइक पर राघवेंद्र के बेटों के नाम लिखे थे। इसके बाद उन्होंने देखा कि राघवेंद्र की साफी पड़ी हुई है। खून से सना पत्थर भी पड़ा है। इसकेइ बार सुभाष ने राघवेंद्र के घर फोन करके पूछा कि राघवेंद्र घर से क्या पहनकर निकला। इसके बाद उनके घर वालों ने ड्रेस का कलर बताया। इसके बाद मृतक की पहचान हुई। राघवेंद्र की मौत की खबर पुष्टि होने के बाद गांव के लोग पीएम हाउस पर पहुंचे। उनके बेटों को भी बुला लिया गया। परंतु मृतक की पत्नी से यह बात को छिपाए रखा गया। पहले हुए हमप्याले फिर पत्थर से कुचलकर हत्या की भिंड पुलिस ने संदेह के आधार पर दो युवकों को पकड़ लिया है। राघवेंद्र पुत्र रामाैतार सिंह भदौरिया और भिखारी उर्फ नरेंद्र नरवरिया निवासी श्री कृष्ण नगर ने राघवेंद्र के साथ बैठकर शराब पी। इसके बाद इन तीनों से झगड़ा हो गया। देहात थाना पुलिस के मुताबिक राघवेंद्र का मोबाइल कही खो गया था। जिस पर इन दोनों पर उसने चोरी का इल्जाम लगाया था। इसी बात से खफा होकर इन दोनों सरिए से सिर पर हमला किया। पहचान छिपाने के लिए चेहरे को पत्थर से कुचल दिया था। इस घटना की पड़ताल के दौरान इन दोनों को पुलिस ने दबोचा तो उन्होंने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। बताया जाता हैकि धर्मेन्द्र, मृतक का खून का रिश्ता है। वो रिश्ते में भाई लगता है।