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रीवा संभाग में बारिश से निर्मित हुए बाढ़ के हालात,गोपद नदी उफान पर,300 लोगों को भेजा राहत कैंप मे....

रीवा (ईन्यूज एमपी)-मध्य प्रदेश के विंध्य और ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में लगातार बारिश से नदियां उफान पर हैं। सतना, रीवा और सिंगरौली के कई गांवाें में बाढ़ का पानी घुस गया है। रीवा के त्योंथर ब्लॉक के बाढ़ प्रभावित गांव को खाली कराया जा रहा है। यहां से 300 लोगों को राहत कैंप में भेज दिया गया है। पार्वती और सिंध के उफान पर होने से भिंड और श्योपुर के कई गांव बाढ़ में घिर गए हैं।

इधर, मौसम विभाग ने ग्वालियर और चंबल संभाग में कहीं-कहीं 24 घंटे में गरज-चमक के साथ तेज बारिश की संभावना जताई है। वहीं, मंदसौर और नीमच में भी बारिश की संभावना जताई है। इसके अलावा, रीवा, सागर, भोपाल संभागों में भी बारिश की संभावना है।

सतना और सीधी में बारिश की वजह से तराई में बाढ़ की स्थिति है। यहां से पानी आने की वजह से रीवा सबसे ज्यादा प्रभावित है। शनिवार रात से बकिया बराज के 8 गेट एवं बीहर बराज के 12 गेट खोले जा चुके हैं। साथ ही अदवा डैम का भी एक गेट खोला गया है। इससे जिले के तराई अंचल में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई है। नईगढ़ी-बहूती मार्ग, सोहागी-बड़ागांव का मुख्य मार्ग और त्योंथर क्षेत्र के धोबा नाला में बाढ़ के हालात है। पटेहरा के पास टमस और बेलन नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है।

ऐसे में रीवा कलेक्टर इलैया राजा टी, एसपी राकेश कुमार सिंह पूरे जिले में नजर बनाए हुए हैं। प्रशासन के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन ने तत्काल टमस और बेलन नदी से लगे गांवों में रहने वाले व्यक्तियों को अलर्ट कर दिया है। साथ ही, गांव में होमगार्ड की टीमें सभी नालों और पुलों पर मुस्तैद की गईं। सतना, सीधी और सिंगरौली में भी नदी-नाले उफान पर होने की वजह से गांव पानी में घिर गए हैं।

सोहागी पहाड़ में भूस्खलन

दो दिन से चल रही तेज बारिश के बाद रविवार सुबह सोहागी पहाड़ में भूस्खलन हुआ है। पहाड़ की चट्टानें नेशनल हाईवे 30 में आकर गिर गई हैं। हालांकि बड़ा हादसा नहीं हुआ। हाईवे पुलिस ने सोहागी पुलिस की मदद से जेसीबी से चट्टानें हटवा दी हैं। साथ ही, हाईवे में कई जगह पर पेड़ गिरे हैं, जिनको सोहागी पुलिस सुबह से हटा रही है।


होशंगाबाद: 24 घंटे में एक फीट बढ़ा तवा का जलस्तर

पिछले 24 में जिले में 4.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। वहीं बैतूल, पचमढ़ी व कैंचमेंट एरिया में बारिश होने से तवा डैम में जलस्तर बढ़ रहा है। 24 घंटे में एक फीट पानी बढ़ा है।

जिले में पिछले 12 दिनों से मानसून सक्रिय है। रुक-रुककर तेज बारिश व रिमझिम बारिश हो रही है। वहीं, दो माह में जिले में 536 मिमी से अधिक बारिश हो चुकी है। रविवार को सुबह से हल्की बौछारें हो रही है। मौसम विभाग ने गरज-चमक के साथ हल्की बारिश होने की संभावना जताई है। शनिवार सुबह 6 बजे 947.80 फीट जलस्तर था। जो रविवार सुबह 6 बजे 948.80 फीट हो गया। वहीं नर्मदा में 40 फीट बढ़कर जलस्तर 936.90फीट हो गया। इसी प्रकार बरगी का जलस्तर 417.60 मीटर, 343.72 मीटर हो गया है।

सीधी-सिंगरौली: गोपद नदी उफान पर, कच्चा मकान गिरने से बुजुर्ग की मौत

सीधी-सिंगरौली में भारी बारिश के कारण नदियां रौद्र रूप धारण कर चुकी हैं। दोनों जिलों को जोड़ने वाले एकमात्र पुल गोपद पुल में गोपद नदी का पानी भर सकता है। भारी बारिश के कारण गोपद नदी उफान पर है। इसके कारण दोनों जिलों का आवागमन लगभग ठप है। लोग जान हथेली पर रखकर पुल पार कर रहे हैं। जिले के सिरगुड़ी में कच्चा मकान गिरने से रामकुमार साकेत (90) की दबकर मौत हो गई।

सतना में मऊ नदी उफान पर, रास्ता बंद

सतना के बिरसिंहपुर से रीवा के सेमरिया जाने का मार्ग मऊ नदी उफान में होने से बंद कर दिया गया है। मऊ नदी पर पानी पुल से 4 फीट ऊपर चल रहा है। इस कारण पुलिस ने आवागमन रोक दिया है। इससे वाहनों की कतारें लग गई हैं। यही हाल अमरपाटन से ताला, मुकुन्दपुर बा़या रीवा मार्ग का भी है। यहां जगह-जगह बरसाती नाले उफान पर हैं। मुरजुआ पुल के ऊपर पानी आ जाने के कारण आवागमन ठप हो गया है। जैतवारा, खुटहा और नयागांव के पास भी नदी नालों का पानी सड़क पर आने से आवागमन ठप है। कोठी की सुजावल नदी उफान पर होने के कारण कोठी के आसपास के कई गांवों के आवागमन कर रास्ते बंद हो गए हैं। कोटर अस्पताल परिसर और आवास में पानी घुस गया है।

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