इंदौर(ईन्यूज एमपी)- पुलिस ने नकली नोट छापने और बाजार में उन्हें खपाने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह के तार छत्तीसगढ़ से जुड़े हैं। गिरोह के सरगना के खिलाफ एमआइजी थाने में दो केस दर्ज है। इंदौर के बाद वह भिलाई में बैठकर दोनो प्रदेशों में नकली नोटों का नेटवर्क चला रहा था। राजगढ़ जिले की पुलिस ने जीरापुर और आगर से पकड़े गए नकली नोट खपाने वाले आरोपितों की निशानदेही पर छत्तीसगढ़ के भिलाई शहर से विजय सिंह नामक युवक को 54 लाख रुपये के नकली नोट और उन्हें छापने के उपकरणों के साथ गिरफ्तार किया है। यह युवक एक करोड़ रुपये के नकली नोट छापने की तैयारी था। पुलिस ने जीरापुर स्थित इंदर चौराहे से शंकर व रामचंद्र नामक दो युवकों को एक लाख रुपये के नकली नोट के साथ गिरफ्तार किया था। बाद में आरोपितों की निशानदेही पर जिले के ही आगर से कमल यादव नामक युवक को हिरासत में लिया गया। कमल नकली नोट उपलब्ध करवाता था। कमल ने पुलिस को बताया कि उसे यह नोट छत्तीसगढ़ के भिलाई में रहने वाला विजय सिंह देता है। कमल की निशानदेही पर पुलिस ने भिलाई के छावनी थाना अंतर्गत सरकारी कॉलोनी स्थित एक कमरे पर दबिश देकर विजय को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से पुलिस ने 54 लाख 37 हजार 200 के नकली नोट जब्त किए हैं। इसके अलावा पांच प्रिंटर, दो पेपर कटर, एक लैपटॉप, एक मॉनीटर, एक सीपीयू, एक लेमिनेटर, नकली नोट बनाने की फ्रेम, वॉटरमार्क की फ्रेम, विशेष स्याही के कॉर्टेज आदि जब्त किए हैं। पहले इंदौर में छापता था नकली नोट पुलिस के मुताबिक आरोपित विजय सिंह पहले इंदौर में भी नकली नोट छापने का कारोबार कर चुका है। वह वर्ष 2003 एवं 2017 में भी नकली नोट छापने के मामले में गिरफ्तार हो चुका है। उस पर इंदौर के थाना एमआइजी में अपराध दर्ज हैं, इनमें इंदौर पुलिस को भी उसकी तलाश थी। पुलिस से बचने के लिए ही वह भिलाई से अपना नेटवर्क चला रहा था। विजय के साथी नरेश पंवार को भी क्राइम ब्रांच ने तीन साल पहले पकड़ा था। छह माह में छाप चुका है एक करोड़ के नोट पुलिस के मुताबिक आरोपित फरवरी से अब तक करीब 50 लाख के नकली नोट को छापकर बाजार में खपा चुका है। इसके अलावा पुलिस ने 54 लाख के नकली नोट उससे जब्त किए गए हैं। उसने पुलिस को बताया कि दक्षिण भारत से एक व्यक्ति ने उसे नोट छापने का बड़ा ऑर्डर दिया था। जब्त किए गए नोट उसके लिए ही तैयार किए गए थे। साथ ही एक करोड़ के नोट और छापने थे। नकली नोट बनाने का प्रशिक्षण भी देता था पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने बताया कि विजय ने नकली नोट तैयार करने के कई वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर रखे थे। इन वीडियो के जरिए ही उसने इस अवैध कारोबार से जुड़ने वाले लोगों का नेटवर्क बनाया था। विजय लोगों को नकली नोट छापने का प्रशिक्षण भी देता था। इसके लिए वह अच्छी-खासी फीस भी लेता था।