दिल्ली(ईन्यूज एमपी)-महिलाओं के यौन शोषण से जुड़ी घटनाओं पर महिला और बाल विकास मंत्रालय से त्वरित कार्रवाई की उम्मीद की जाती है. लेकिन इस मंत्रालय ने एक यौन शोषण पीड़िता का नाम सार्वजनिक कर भारी चूक की है. दरअसल, केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी से पीड़िता की मुलाकात के बाद मंत्रालय ने जो प्रेस नोट जारी किया उसमें महिला की पहचान उजागर कर दी गई. गौरतलब है कि खास परिस्थितियों को छोड़कर यौन शोषण के केस में पीड़िता की पहचान उजागर करना कानून के विरुद्ध है, लेकिन यहां तो महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने ही सीधे इसका उल्लंघन कर दिया. पीड़ित महिला राष्ट्रीय एयरलाइंस कंपनी 'एयर इंडिया' में एयरहोस्टेस है. पीड़िता का आरोप है कि एयरलाइंस कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने छह साल तक उसका यौन उत्पीड़न किया. पीड़िता ने पिछले महीने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी को चिट्ठी भेज कर अपनी व्यथा बताई थी. इसमें महिला ने बताया था कि पिछले साल उसकी शिकायत पर एक इंटर्नल कंप्लेंट कमिटी गठित की गई थी. महिला के मुताबिक ये कमेटी उसके ऊपर मामले को दबाए रखने के लिए दबाव डाल रही थी. मेनका गांधी से मिलने के बाद महिला ने मीडिया से बात करने से मना कर दिया था. साथ ही यह आग्रह भी किया था कि उसकी फोटो ना खींची जाए. वहीं मंत्रालय ने दोपहर को 12.42 बजे जो प्रेस नोट जारी किया, जिसमें लिखा था, "मिस XYZ (आजतक पहचान नहीं खोल रहा), जो एयर इंडिया में कार्यरत हैं, उन्होंने श्रीमती मेनका संजय गांधी, मंत्री, महिला और बाल विकास से अपनी शिकायत को लेकर मुलाकात की. शिकायत 'कार्यस्थल पर महिला के यौन उत्पीड़न' (रोकथाम, निषेध और निवारण) एक्ट, 2013 के अंतर्गत है. मंत्री (मेनका गांधी) ने यह मामला नागरिक उड्डयन मंत्री के समक्ष उठाया है. उन्होंने एयर इंडिया की इंटर्नल कंप्लेंट कमिटी के प्रमुख से भी बात की और उन्हें जून, 2018 में ही जांच पूरी करने के लिए कहा." हालांकि मेनका गांधी की जानकारी में शिकायत आते ही उन्होंने गंभीरता से इसका संज्ञान लिया. लेकिन ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि मंत्रालय महिला की पहचान को छुपाए नहीं रख सका. पीड़ित महिला 'सिंगल मदर' है. उनका कहना है कि जब से उन्होंने शिकायत की है तब से उन्हें कंपनी में आंतरिक तौर पर तरह-तरह से उत्पीड़ित किया जा रहा है.