राजनांदगांव(ईन्यूज एमपी)- जालबांधा क्षेत्र के ग्राम बघमर्रा के किसान लेखराम पिता बहलराम वर्मा (42) ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस को उसकी जेब से जो सुसाइड नोट मिला है, उसके मुताबिक वह करीब 25 लाख रुपये की ठगी का शिकार हो गया था। साथ ही बाजार से भी लाखों रुपये का कर्ज उठा लिया था। एक कथित बीमा कंपनी में रकम दोगुनी करने के लालच में आकर इनवेस्ट करने के लिए यह कर्ज साहूकारों से लिया था। कंपनी से दोगुनी तो दूर, लगाई गई रकम भी वापस नहीं मिली। कर्जदार तंगा रहे थे। इस कारण किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना सोमवार सुबह की है। रोज की तरह सोकर उठने के बाद किसान खेत की तरफ गया लेकिन वापस नहीं आया। बाद में गांव वालों ने उसकी लाश गांव से थोड़ी दूर खेत पर आम के एक पेड़ पर लटकी देखी। पुलिस के अनुसार कुछ साल पहले लेखराम ने फर्जी मोबाइल काल के आधार पर लाखों रुपये का इनवेस्ट कर दिया। उक्त बीमा कंपनी का नाम सुसाइड नोट में सेंट्रल गर्वमेंट इंश्योरेंस अथारटी नईदिल्ली लिखा है। साथ ही दिल्ली के ही सात लोगों के नाम-पते और मोबाइल नंबर का भी सुसाइड नोट में जिक्र है जिनके कहने पर रुपये उनके बैंक खातों में डाले गए थे। कंपनी में जमा करने के लिए उन्होंने कुछ परिचितों के अलावा साहूकारों से इस उम्मीद के साथ कर्ज ले लिया था कि रकम दोगुनी मिलेगी। पर ऐसा कुछ नहीं था। कंपनी फर्जी निकली और इस कारण दोगुनी रकम तो दूर मूल राशि भी हाथ नहीं आयी। परेशान कर रहे थे कर्जदार सुसाइड नोट के अनुसार लेखराम कर्जदारों के तगादों से परेशान हो गया था। दरअसल उसने बीमा कंपनी में रकम लगाने और उसके लिए कर्ज लेने की बात घर पर किसी को नहीं बताई थी। कर्जदारों के लगातार तगादे के बाद उसे यह भय सताने लगा था कि पोल न खुल जाए। पुलिस इसे भी आत्महत्या का कारण मान रही है। किससे कितना कर्ज लिया गया था? पुलिस को अभी कुछ पता नहीं चल पाया है। मामले में दिल्ली के उन सात व्यक्तियों की पतासाजी की जा रही है कि जिनका जिक्र सुसाइड नोट में है।