धमतरी(ईन्यूज एमपी)- जिले के मृत शिक्षाकर्मियों के परिजन अनुकंपा नियुक्ति पाने के लिए शासकीय दफ्तरों का चक्कर काटते थक गए हैं, लेकिन अनुकंपा में नौकरी पाना उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। सालों से जिला पंचायत में अनुकंपा नियुक्ति से जुड़े 35 फाइल पेडिंग है, लेकिन किसी को अब तक नौकरी नहीं मिल पाया है। इससे परिजनों में आक्रोश है। शासकीय दफ्तरों में कार्य करने वाले नियमित कर्मचारियों की यदि नौकरी करने के दरम्यान मौत हो जाती है, तो उनके परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति बड़ी आसानी से मिल जाता है। लेकिन मृत शिक्षाकर्मियों के परिजनों के लिए अनुकंपा में नौकरी पाना किसी चुनौती से कम नहीं है। जिला पंचायत के शिक्षाकर्मी शाखा से मिली जानकारी के अनुसार जिले में पदस्थ रहे 30-35 मृत शिक्षाकर्मियों के परिजनों ने अनुकंपा के लिए आवेदन किए हैं, लेकिन उन्हें अब तक अनुकंपा में नौकरी नहीं मिल पाया है। अनुकंपा संबंधी सभी आवेदन सालों से पेडिंग है। आवेदन पेडिंग होने के लिए कई ऐसे कारण है, जिससे अनुकंपा के लिए आवेदन करने वालों को शिक्षाकर्मी वर्ग-तीन की नौकरी मिल पाना संभव नहीं है। अधिकांश आवेदकों के पास शासन से मांगी गई शैक्षणिक योग्यता नहीं है। इसलिए अनुकंपा में नौकरी नहीं मिल पाया है। पंचायत सचिव बनाने का आदेश समाप्त शासकीय नियमानुसार शिक्षाकर्मियों की मौत होने पर उनके परिजन को शिक्षाकर्मी वर्ग-3 की नौकरी मिल सकती है, लेकिन उनके परिवार के सदस्य शासन से निर्धारित मापदंड के अनुसार शैक्षणिक योग्यता रखता हो। वर्ग-3 के लिए 12वीं पास, डीएड, बीएड और टीईटी पास होना अनिवार्य है। इनके बिना अनुकंपा के तहत नौकरी पाना संभव नहीं है। शासन ने कुछ समय पहले ग्राम पंचायतों में सचिव के पद लिए भी हामी भरी थी, लेकिन सचिवों के खाली पदों को अनुकंपा से भरने का विरोध हुआ, तो शासन ने अब यह नियम खत्म कर दिया है। मृत शिक्षाकर्मियों के परिजन को अनुकंपा के लिए सिर्फ वर्ग-3 की ही नौकरी मिल पाएगा, जब उनके पास पर्याप्त शैक्षणिक योग्यता उपलब्ध रहेगा अन्यथा नौकरी मिल पाना संभव नहीं है।