यूपी के शाहजहांपुर में बीजेपी विधायक रोशन लाल वर्मा के बेटे पर गैंगरेप का आरोप लगाने वाली पीड़िता ने अपनी जान का खतरा जताया है. उसका कहना है कि कुछ गुंडे उसके घर आए और उसे केस वापस लेने की धमकी दे रहे थे. पीड़िता आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कलेक्ट्रेट पर धरने पर बैठी थी. सीबीसीआईडी केस की जांच कर रही है. पीड़िता के वकील अवधेश सिंह ने बताया कि उसके घर गुंडे आए थे. उन्होंने धमकी दी है कि यदि पीड़िता केस वापस नहीं लेती है, तो वे उसको जान से मार देंगे. इसके बाद वह काफी डरी हुई है. मंगलवार को पीड़िता इंसाफ के लिए शाहजहांपुर कलेक्ट्रेट ऑफिस के बाहर अपने परिजनों के साथ धरने पर बैठी थी. अफसरों के भरोसा के बाद वह घर चली गई थी. पीड़िता का आरोप है कि साल 2011 में उसका अपहरण करके गैंगरेप किया गया था. उसने थाने में जाकर केस दर्ज कराया था. इसके बाद इस केस से बचने के लिए विधायक ने अपने छोटे बेटे विनोद वर्मा से साल 2012 में उसकी शादी करा दी थी. लेकिन एक साल बाद दोनों अलग हो गए. उन दोनों की 5 साल की एक बेटी भी है. उसे कई वर्षों से इंसाफ नहीं मिला है. डीएम ऑफिस पर पीड़िता का धरना महिला का आरोप है कि बीजेपी विधायक सत्ता के दबाव में सीबीसीआईडी की जांच को आगे नहीं बढ़ने दे रहे हैं. महिला पहले लखनऊ में धरने पर बैठी, लेकिन आश्वासन मिलने पर वो शाहजहांपुर वापस आ गई. यहां ये महिला राजनीति का शिकार बन गई. आरोप है कि एक सपा नेता के इशारे पर डीएम कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गई. सपा जिलाध्यक्ष कर रहे हैं समर्थन उसका कहना है कि जब तक बीजेपी विधायक और उनके बेटे के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो जाती, तब तक वो धरने पर बैठी रहेगी. उसने चेतावनी दी है कि यदि उसे न्याय नहीं मिला तो वो वहीं आत्मदाह कर लेगी. इस पूरे प्रकरण में एक सपा नेता का नाम सामने आ रहा है. बताया जा रहा है कि सपा जिलाध्यक्ष भी महिला के धरने को समर्थन दे रहे हैं. कौन हैं रोशन लाल वर्मा रोशन लाल वर्मा शाहजहांपुर की तिलहर सीट से बीजेपी विधायक हैं. इनकी कुल संपत्ति 2 कारोड़ 50 लाख है. इन्होंने आठवीं तक की पढ़ाई की है. साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ये बसपा से बीजेपी में आए थे. ऐसा कहा जाता है कि ये बसपा सुप्रीमो मायावती के बहुत करीबी थे. रोशन लाल वर्मा और इनके बेटे कई बार विवादों में आ चुके हैं.