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देश की संसद टकराव के अखाड़े में बदल चुकी है: राष्ट्रपति

देश के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने स्वतत्रंता दिवस की पूर्व संध्या पर देश के नाम दिए संबोधन में कहा कि आज देश की संसद परिचर्चा के बजाय टकराव के अखाड़े में बदल चुकी है।
राष्ट्रपति ने कहा कि मैं आपका और विश्वभर के सभी भारतवासियों का हार्दिक अभिनंदन करता है। मैं अपनी सशस्त्र सेनाओं, अर्ध-सैनिक बलों तथा आंतरिक सुरक्षा बलों के सदस्यों का विशेष अभिनंदन करता हूं।

हमारा सौभाग्य है कि हमें ऐसा संविधान प्राप्त हुआ है जिसने महानता की ओर भारत की यात्रा का आरंभ किया।
अच्छी से अच्छी विरासत के संरक्षण के लिए लगातार देखभाल जरूरी होती है। लोकतंत्र की हमारी संस्थाएं दबाव में हैं, संसद परिचर्चा के बजाय टकराव के अखाड़े में बदल चुकी है। उन्होंने कहा कि आज डॉ. बी.आर. अम्बेडकर के उस वक्तव्य का उल्लेख करना उपयुक्त होगा, जो उन्होंने संविधान सभा में अपने समापन व्याख्यान में दिया ‌था।

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