दिल्ली (ईन्यूज एमपी )-सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा ने प्रधानमंत्री के नाम भेजे पत्र में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस श्रीनारायण शुक्ला पर अनुशासनहीनता और आदेश में जानबूझ कर गड़बड़ करने के आरोपों में महाभियोग चलाने की सिफारिश कर दी है. इससे पहले जस्टिस मिश्रा ने हाई कोर्ट के जस्टिस शुक्ला पर लगे आरोपों को गंभीर मानते हुए उनकी जांच के लिए इनहाउस पैनल भी बना दिया था. पैनल ने भी जस्टिस शुक्ला पर लगे आरोपों पर अपनी टिप्पणी की थी. इसके बाद ही चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने चिट्ठी लिखी है. जस्टिस शुक्ला ने मेडिकल कॉलेज घोटाला मामले में न केवल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के उलट आदेश पारित किया बल्कि बेंच के आदेश में अपनी कलम से मनमानी भी की. सुप्रीम कोर्ट की निगाह में ये मामला आया तो चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की टिप्पणी थी -' its shocking' यानी ये स्तब्ध कर देने वाला काम था. आगे क्या होगा चीफ जस्टिस की हरी झंडी के बाद अब आगे की कार्रवाई संसद में होगी. जस्टिस शुक्ला पर लगे आरोप संसद में रखे जाएंगे. उनकी जांच होगी. जांच में सब कुछ साबित हो गया तो संसद जस्टिस शुक्ला के खिलाफ वोटिंग के जरिए बहुमत से महाभियोग को मंजूरी दे देगी. सूत्रों के मुताबिक ये भी मुमकिन है कि ये नौबत आने से पहले जस्टिस शुक्ला खुद ही पद छोड़ दें. हालांकि देश के संसदीय इतिहास में अब तक महाभियोग का अस्त्र नहीं चलाया जा सका है. महाभियोग की बात चली तो कई बार पर नतीजे तक पहुंचने से पहले ही मामला खत्म हो गया.