रोहतक(ईन्यूज एमपी)-साल 2006 के दौरान करोंथा में भड़की हिंसा और एक युवक की हत्या के मामले में बुधवार को सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल की कोर्ट में पेशी नहीं हो पाई. इस पेशी को लेकर रामपाल के हजारों समर्थक रात से ही शहर में जुटने लगे थे. तनाव की स्थिति से निपटने के लिए कोर्ट परिसर और कोर्ट के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. हिंसा और हत्या का मामला दरअसल, रोहतक कोर्ट में बुधवार को 2006 में करोंथा में भड़की हिंसा और सोनू नामक एक युवक की हत्या के मामले में रामपाल की पेशी होनी थी. जिसके चलते मंगलवार की रात से ही कई राज्यों से आए उनके समर्थक रोहतक कोर्ट के आस-पास जुटना शुरू हो गए थे. दर्शन के लिए जुटे थे समर्थक रामपाल के समर्थकों की आमद को देखते हुए पुलिस प्रशासन भी अलर्ट था. कोर्ट के आस-पास नाकेबंदी कर दी गई थी. राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल और हरियाणा से हजारों की संख्या में आए समर्थकों का कहना था कि वे रामपाल महाराज के दर्शन के लिए ही आए हैं. भारी पुलिस बल की तैनाती रामपाल की पेशी के मद्देनजर पुलिस ने कई जगहों पर नाकेबंदी कर रखी थी. कोर्ट की तरफ जाने वाले सभी रास्तों पर बेरीकेट्स लगाकर नाकेबंदी की गई थी. रोहतक कोर्ट में उन लोगों को जाने की इजाजत थी, जो लोग वहां पेशी के लिए आए थे. अन्य लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया था. नहीं हो सकी पेशी, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग फेल सुबह तक यही खबर थी कि रामपाल को हिसार जेल से रोहतक कोर्ट में पेशी के लिए लाया जाएगा. लेकिन बाद में सुरक्षा कारणों के चलते वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रामपाल की पेशी कराने का फैसला लिया गया. मगर तकनीकी खराबी के कारण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी फेल गई. जिसके चलते बुधवार को रामपाल की पेशी नहीं हो पाई. और देर शाम जाकर पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली. 2006 में भिड़े थे दो गुट बताते चलें कि साल 2006 में रामपाल के आश्रम को लेकर आर्य समाज और रामपाल समर्थकों के बीच खूनी टकराव हुआ था. जिसमें सोनू नामक युवक की गोली लगने से मौत हो गई थी. इसी मामले में रामपाल के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज है. हिंसक घटनाक्रम के बाद प्रशासन ने रामपाल का आश्रम खाली करा कर अपने कब्जे में ले लिया था.