रायपुर(ईन्यूज एमपी)-जीई रोड पर मंदिरहसौद के पास रिंग रोड-3 के अंधे मोड़ से अचानक आए तेज रफ्तार ट्रक ने सुबह साढ़े 7 बजे रायपुर से जा रही कार को जोरदार टक्कर मारी और भाग निकला। कार में रिम्स मेडिकल कालेज की छात्राएं थीं जो यहां से कॉलेज जाने के लिए ही निकली थीं। इनमें सामने बैठी बूढ़ापारा की अनुप्रेक्षा डागा (20) ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। पिछली सीट पर बैठी छात्राओं चौबे कालोनी की पंखुड़ी गर्ग (20) और लाखेनगर की मुस्कान अठवानी (20) गंभीर रूप से घायल हुई हैं। अनुप्रेक्षा की मृत्यु की खबर जैसे ही बूढ़ापारा पहुंची, वहां कोहराम मच गया। वह रायपुर के पूर्व नगर निगम अध्यक्ष रतन डागा की भतीजी है। जिस ट्रक से हादसा हुआ, सुबह की वजह से कोई भी उसका नंबर नहीं देख पाया है। मूलत: कारोबारी परिवार से संंबंधित छात्राओं ने रोज की तरह शनिवार को भी सुबह कालेज जाने के लिए टैक्सी बुलवाई। टैक्सी आश्रम तिराहे का राजवीर सिंह चला रहा था। तेलीबांधा से होकर कार रिंग रोड-3 के तिराहे पर पहुंची। ठीक उसी वक्त सामने से तेजी से आ रहा हाइवा अचानक रिंग रोड की तरफ मुड़ा। कार को सामने से जबर्दस्त टक्कर मारकर ट्रक रिंग रोड पर ही भाग निकला। लोगों ने पुलिस को बताया कि टक्कर इतनी जबर्दस्त थी कि ड्राइवर की बगल वाली सीट बोनट तक आ गई और कार बुरी तरह पिचक गई। इसी सीट पर अनुप्रेक्षा बैठी थी। वह कार के भीतर ही फंस गई। हादसे के बाद किसी तरह दोनों छात्राएं और ड्राइवर बाहर निकले। उन्होंने किसी तरह अनुप्रेक्षा को निकाला। तब तक वहां काफी लोग पहुंच गए थे। ट्रैफिक भी रोक दिया गया था। पुलिस के मुताबिक अनुप्रेक्षा की मौके पर ही मृत्यु हो गई थी। उसके शव के अलावा घायलों को अंबेडकर अस्पताल भेजा गया। घायलों में भी एक की हालत नाजुक बताई गई है। बूढ़ापारा में छाया मातम :हादसे के बाद डागा परिवार से जुड़े लोग बड़ी संख्या में मौके पर भी गए और अंबेडकर अस्पताल भी पहुंच गए। मेडिकल छात्रा की मौत से मोहल्ले में दिनभर सन्नाटा छाया रहा। बच्ची की मां समेत घर की महिलाओं को दोपहर तक हादसे की जानकारी नहीं दी गई। इसके अलावा, दोनों घायल छात्राओं के परिजन भी हादसे से सदमे में हैं। पुलिस ने ट्रक की तलाश के लिए रिंग रोड-3 पर पूछताछ शुरू कर दी है। बिल्डिंग मटेरियल के ट्रक और मंत्रालय की बसें ... रफ्तार बेतहाशा तेलीबांधा से आरंग और नई राजधानी की ओर जाने वालों के लिए सड़क पर दो बड़े खतरे अंधाधुंध दौड़ने लगे हैं। पहला, रेत-गिट्टी और बिल्डिंग मटेरियल से लदे या खाली ट्रक, जो ज्यादा कमाई के लिए नो-एंट्री शुरू होने से पहले ज्यादा से ज्यादा मटेरियल शहर में डंप करने की कोशिश में रहते हैं। आउटर में सुबह इनकी रफ्तार इतनी होती है कि बगल से निकलें तो बाइक कांप जाती हैं। दूसरा, शाम को मंत्रालय से आने वाली बसें नई राजधानी से जबर्दस्त रफ्तार के साथ तेलीबांधा से रायपुर में दाखिल होती हैं। दोनों ही तरह की गाड़ियों से हादसे हो रहे हैं, लेकिन सरकारी एजेंसियां इनकी रफ्तार काबू में नहीं कर पा रही हैं। मोड़ पर भी धीमी नहीं की पुलिस के अनुसार जहां हादसा हुआ, उस तिराहे पर आरंग की ओर से आ रही गाड़ियां पूरी सड़क को क्रास करके रिंग रोड-3 पर जाती हैं। इस वजह से बिल्डिंग मटेरियल सप्लाई करने वाले ट्रकों के अलावा ज्यादातर गाड़ियां वहां धीमी हो जाती हैं। जिस ट्रक ने कार को टक्कर मारी, वह आरंग की ओर से आया और मुड़ते समय भी उसी बेतहाशा रफ्तार में था। इस वजह से टक्कर इतनी जबर्दस्त थी कि कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।