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शिया बोर्ड के प्रेसिडेंट को दाऊद की धमकी, कहा- मौलानाओं से मांगों माफी नहीं तो जान से मार देंगे

लखनऊ(ईन्यूज एमपी)-यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी को अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गों ने जान से मारने की धमकी दी है। वसीम रिजवी को यह धमकी मदरसों को लेकर नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखे लेटर के कारण मिली है। रिजवी ने बताया, "शनिवार रात 10.30 बजे नेपाल से दाऊद के किसी गुर्गे का फोन आया और मदरसा विवाद को लेकर दाऊद इब्राहिम का मैसेज देते हुए धमकाया।


- वसीम ने बताया, "दाऊद के गुर्गे ने कहा कि फौरन मौलानाओं से माफी मांगो। नहीं तो अापको और आपके परिवार को धमाके से उड़ा दिया जाएगा।"

- रिजवी ने कहा, "इससे ये बिल्कुल साबित हो गया है कि कुछ कट्टरपंथी लोग सीधे दाऊद से जुड़े हुए हैं। मुझको दी गई इस धमकी की रिकॉर्डिंग मेरे पास मौजूद है। मैंने दाऊद इब्राहिम और उसका मैसेज देने वाले उसके बेनाम गुर्गे के खिलाफ रात 12.30 बजे केस दर्ज कराया है।"


- एएसपी विकासचंद त्रिपाठी ने बताया, "वसीम रिजवी की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया गया है। धमकी देने वाले के तलाश की जा रही है। पुलिस मामले को गंभीरता से ले सभी पहलूओं की जांच कर रही है।"

क्या है मामला?

-यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के प्रेसिडेंट वसीम रिजवी ने मोदी और योगी आदित्यनाथ को एक लेटर लिखा था। उन्होंने लिखा, "आतंकी संगठन अवैध रूप से चल रहे कुछ मदरसों की फंडिंग करते हैं। कितने मदरसों ने डॉक्टर-इंजीनियर दिए। इन्हें खत्म करने की जरूरत है।"

मदरसों पर रिजवी का लेटर, 5 प्वाइंट

1) कितने मदरसों ने डॉक्टर-इंजीनियर दिए?

-रिजवी ने लिखा, "कितने मदरसों ने इंजीनियर, डॉक्टर, IAS अफसर दिए हैं? कुछ मदरसों ने आतंकवादी जरूर पैदा किए।"

2) मदरसों को खत्म करने की जरूरत

- " कुछ संगठन और कट्टरपंथी मुस्लिम बच्चों को सिर्फ मदरसे की शिक्षा देकर उन्हें सामान्य शिक्षा की मुख्यधारा से दूर कर रहे हैं। मदरसों में जो बच्चे पढ़ रहे हैं, उनकी शिक्षा का स्तर निचला है। मदरसों को खत्म करने की जरूरत है और उसकी जगह सामान्य शिक्षा नीति बनाई जाए।"

3) CBSE, ICSE से जोड़े जाएं मदरसे

- उन्होंने लिखा, "मदरसों को CBSE, ICSE से जोड़ा जाए और इनमें नॉन-मुस्लिम स्टूडेंट्स को पढ़ने की इजाजत दी जाए। धार्मिक शिक्षा को इसमें ऑप्शनल रखा जाए। इससे देश मजबूत होगा।"

4) मदरसों के बच्चे आतंकियों का आसान शिकार

- "मदरसों में स्टूडेंट्स को सही शिक्षा ना मिलने का नतीजा होता है कि वो देश की मुख्य धारा से अलग-थलग हो जाते हैं। धीरे-धारे आतंकवाद की ओर उनका रूझान बढ़ जाता है। ऐसे गरीब और पिछड़े बच्चे आतंकियों के लिए एक आसान शिकार की तरह होते हैं।"

5) मदरसों को हो रही फंडिंग की जांच की जाए

- रिजवी ने लिखा, "ज्यादातर मदरसे जकात के पैसे से चल रहे हैं, जो भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे देशों से आ रहे हैं। कुछ आतंकवादी संगठन भी अवैध रूप से चल रहे मदरसों को फंडिंग कर रहे हैं। मुस्लिम इलाकों में ज्यादातर मदरसे सऊदी अरब की फंडिंग चल रहे हैं। इसकी जांच की जानी चाहिए।"

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