वाशिंगटन(ईन्यूज एमपी)- ट्रंप प्रशासन का मानना है कि पाकिस्तान को आतंकियों का सुरक्षित ठिकाना बनने से रोकने के लिए कुछ भिन्न उपाय करने का यही उपयुक्त समय है। इसका कारण यह है कि क्षेत्र की स्थिरता पर खतरा बन रही समस्या का समाधान करने में धैर्य या प्रलोभन विफल साबित हुआ है। एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को यह विचार व्यक्त किया। अधिकारी की यह टिप्पणी ट्रंप प्रशासन द्वारा पाकिस्तान की करीब दो अरब डॉलर की सुरक्षा सहायता निलंबित किए जाने के कुछ दिनों बाद सामने आई है। सहायता रोके जाने के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मचा हुआ है। नए साल में पाकिस्तान के खिलाफ अमेरिका आक्रामक हो गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अब आतंकवाद पर पाकिस्तान का दोहरा रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सीआईए प्रमुख माइक पांपियो ने कहा, 'हमने पाकिस्तान को यह संदेश देने की कोशिश की है कि अब पहले के जैसा नहीं चलेगा इसीलिए मदद रोककर उन्हें एक मौका दिया गया है। अगर वे खुद को बदल लेते हैं और समस्या के समाधान के लिए आगे आते हैं तो अमेरिका दोबारा पाकिस्तान के साथ एक पार्टनर के तौर पर संबंध बढ़ाने को तैयार है। लेकिन अगर वह ऐसा नहीं करता है तो हम अमेरिका की सुरक्षा करने जा रहे हैं।' अमेरिका कई वर्षों से अफगानिस्तान की सीमा पर आतंकियों को निशाना बनाने के लिए ड्रोन हमले करता आ रहा है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान ने खुद एक्शन नहीं लिया तो उसकी सरजमीं पर फिर से अमेरिकी ड्रोन हमले शुरू हो सकते हैं। सीआइए चीफ के इस बयान से साफ है कि पाकिस्तान ने आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की तो अब अमेरिका बड़ा कदम उठा सकता है। ट्रंप ने पाक को साफ कह दिया है कि आतंकियों के सुरक्षित ठिकानों को तबाह करो। अफगान तालिबान और हानी आतंकी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के कारण ही अमेरिका ने पाक की मदद रोक दी है।