राजनांदगांव (ईन्यूज एमपी)- जंगल छोड़कर समर्पण करने वाली युवती का पुलिस विभाग ने बुधवार को विवाह कराकर अनोखी मिसाल पेश की है। गौरतलब है कि वर्ष 2014 में सावित्री उर्फ रेशमा ने नक्सलियों का साथ छोड़कर आत्मसमर्पण किया था। नाबालिग होने की वजह से पुलिस ने नक्सलियों की सहयोगी रही सावित्री को अपनी कस्टडी में रखा था। इस दौरान युवती ने पढ़ाई करने की इच्छा भी जताई, जिस पर पुलिस विभाग ने युवती का वेसलियन हिंदी मीडियम स्कूल में दाखिला कराया। कक्षा नवमी तक पढ़ाई कर सावित्री बालिग हो गई, जिसके बाद उसने विवाह करने की बात कही। पुलिस विभाग ने सामाजिक स्तर पर युवक को तलाशा और सावित्री की शादी मोहल्ला ब्लॉक के परवाहीडीड निवासी युवक जोहन मानसिंह सलामे के साथ बुधवार को गायत्री मंदिर में प्रयासी फाउंडेशन की मदद से विवाह कराया। पुलिस विभाग पुणे में मजदूरी कर रहे जोहन को शासकीय पेट्रोल पंप में काम देने का फैसला भी किया है।