लखनऊ (ई न्यूज एमपी)- नगरीय निकाय चुनाव की प्रक्रिया पूरी होते ही प्रदेशवासियों को महंगी बिजली का झटका लगने वाला है। विद्युत नियामक आयोग ने गुरुवार को टैरिफ आर्डर घोषित करने की तैयारी की है। हालांकि, पहली दिसंबर तक चुनाव आचार संहिता के मद्देनजर 30 नवंबर को बिजली दर घोषित करने पर राज्य निर्वाचन आयोग, विद्युत नियामक आयोग को आचार संहिता के उल्लंघन का नोटिस दे सकता है। इस बीच विद्युत उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग में जनहित प्रत्यावेदन दाखिल कर चुनावी शोरगुल में बिजली की नई दरें न घोषित करने की मांग भी की है। दरअसल, गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहा पावर कारपोरेशन प्रबंधन जल्द से जल्द बिजली की दरों में बढ़ोतरी चाह रहा है। ऐसे में अक्टूबर में बिजली की प्रस्तावित दरों पर जनसुनवाई के बाद कारपोरेशन प्रबंधन द्वारा विद्युत नियामक आयोग पर जल्द टैरिफ घोषित करने के लिए दबाव बनाए हुए था लेकिन निकाय चुनाव को देखते हुए राज्य सरकार ने शहरवासियों की नाराजगी से बचने के लिए बिजली की दरों में इजाफे को चुनाव बाद तक के लिए टाल दिया था। चूंकि बुधवार को अंतिम चरण का मतदान भी हो जाएगा इसलिए नियामक आयोग ने 30 नवंबर को दरें घोषित करने की तैयारी की है। आयोग के अध्यक्ष एसके अग्रवाल का कहना है कि टैरिफ प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जा चुका है। अब कभी भी टैरिफ आर्डर घोषित किया जा सकता है। 30 को टैरिफ आर्डर घोषित होने की दशा में आचार संहिता के उल्लंघन के सवाल पर राज्य निर्वाचन आयुक्त सतीश कुमार अग्रवाल ने कहा कि पहली दिसंबर को मतगणना की समाप्ति तक चुनाव आचार संहिता लागू है। ऐसे में आचार संहिता के उल्लंघन के किसी भी मामले को आयोग गंभीरता से लेते हुए नोटिस जारी करेगा। इस बीच प्रमुख सचिव ऊर्जा व पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष आलोक कुमार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी की है। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री के स्तर पर गुजरात चुनाव के बाद बिजली की दरें घोषित करने की चर्चा हुई लेकिन मुलाकात को टैरिफ से जोडऩे के सवाल पर कुमार ने कहा कि आर्डर जारी करने के लिए आयोग स्वतंत्र है। उनकी मुख्यमंत्री से सोलर पावर की दरों पर बात हुई है। कुमार ने बताया कि टैरिफ आर्डर होने के एक सप्ताह बाद से नई दरें लागू होंगी। उपभोक्ता परिषद ने दाखिल किया प्रत्यावेदन पहली दिसंबर को मतगणना से एक दिन पहले बिजली की दरों में इजाफे की तैयारी पर उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने मंगलवार को आयोग के अध्यक्ष एसके अग्रवाल से मुलाकात कर उन्हें एक जनहित प्रत्यावेदन सौंपा। वर्मा ने बिना किसी दबाव में पहली दिसंबर को चुनावी शोर थमने के बाद दरों को घोषित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि आयोग के पास चार जनवरी तक का समय है इसलिए परिषद की आपत्तियों को निस्तारित करने के बाद ही दरें घोषित की जाएं। वर्मा ने बताया कि 30 को दर घोषित होने पर वह निर्वाचन आयोग में आचार संहिता के उल्लघंन की शिकायत करेंगे। उल्लेखनीय है कि मल्टी ईयर टैरिफ के तहत वर्ष 2017-18 के लिए उद्योगों को छोड़कर अन्य श्रेणियों की बिजली की दरों में औसतन 22 फीसद का इजाफा किया जा सकता है। शहरवासियों के साथ ही ग्रामीणों की बिजली दरों में भी जबरदस्त बढ़ोत्तरी होगी।