दिल्ली(ईन्यूज़ एमपी)- इस बार दो राज्यों में चुनावी प्रक्रिया जारी रहने की वजह से शीतकालीन सत्र की तारीख लेकर सरकार ने चुप्पी साध राखी है। हैरान कर देने वाली बात यह है कि विपक्ष की तरफ से भी सत्र को लेकर जिस तरह की सक्रियता दिखाई जानी चाहिए, वो नजर नहीं आ रही। पहले खबर आई थी कि इस बार शीतकालीन सत्र महज एक हफ्ते का होगा। बताया जा रहा था कि नवंबर के दूसरे या तीसरे हफ्ते में एक हफ्ते का सत्र बुला कर औपचारिकता पूरी कर ली जाएगी। इसका कारण यह बताया गया कि दिसंबर में नौ और 14 के गुजरात में चुनाव हैं, जिसमें बीजेपी और कांग्रेस, दोनों ही पार्टियों के बड़े नेता व्यस्त रहने वाले हैं। ऐसे में दोनों ही पार्टियों ने संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर चुप्पी साध रखी है। इसके बाद खबर आई कि इस बार शीतकालीन सत्र दिसंबर में होगा। यह खबर भी सूत्रों के हवाले से थी, जिस पर पार्टियों ने अलग अलग तरीके से प्रतिक्रिया दी। इसका नतीजा यह हुआ है कि सोशल मीडिया में यहां तक चर्चा होने लगी कि सरकार इस बार शीतकालीन सत्र नहीं बुलाएगी और सीधे अगले साल जनवरी में ही बजट सत्र बुला सकती है।