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बड़ी खबर: देर रात सोडा फैक्ट्री में क्लोरीन गैस का रिसाव, 15 लोग अस्पताल में भर्ती, लापरवाही कहीं भोपाल गैस जैसी तो नहीं...

शहडोल (ईन्यूज एमपी) – विंध्य क्षेत्र के शहडोल और अनूपपुर की सीमा पर स्थित अमलाई सोडा फैक्ट्री में शनिवार शाम को अचानक गैस रिसाव होने लगा. इसके बाद फैक्ट्री के लोगों और आसपास के निवासियों को सांस लेने सहित कई परेशानियां होने लगी. वहीं, बताया गया कि इसकी शिकायत मिलते ही लोगों तत्काल रूप से सोडा फैक्ट्री में स्थित कंपनी के अस्पताल में लाया गया. इसके बाद अनूपपुर से एंबुलेंस बुलाया गया और उन्हें रेफर किया गया.
बतादें कि क्लोरीन गैस का गंभीर रिसाव हुआ, जिससे आसपास के ग्रामीण इलाकों में हड़कंप मच गया। गैस के प्रभाव से लोगों को सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन और चक्कर आने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई।

बरगवां नगर परिषद की अध्यक्ष गीता गुप्ता ने इस घटना को फैक्ट्री प्रबंधन की लापरवाही करार दिया। उन्होंने कहा, "फैक्ट्री से नियमित तौर पर गैस निकलती रहती है, लेकिन आज की स्थिति अत्यधिक गंभीर हो गई, जिसके कारण लोगों की जान पर बन आई। फैक्ट्री में पर्याप्त मेडिकल सुविधाओं का अभाव है, जो इस स्थिति को और बिगाड़ रहा है।"

गैस रिसाव से प्रभावित लगभग 15 लोगों को तुरंत शहडोल मेडिकल कॉलेज और अनूपपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। अनूपपुर कलेक्टर हर्षल पंचोली ने एक वीडियो संदेश में बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है। उन्होंने कहा, "इलाके में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। इस घटना की गहन जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है, जो अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। रिपोर्ट के आधार पर जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं कलेक्टर पंचोली ने लोगों से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें और प्रशासन द्वारा इस मामले में उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है।

फैक्ट्री प्रबंधन की लापरवाही पर सवाल:
स्थानीय लोगों का कहना है कि फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा गैस रिसाव जैसी घटनाओं को गंभीरता से नहीं लिया जाता और यहां उचित रखरखाव नहीं किया जा रहा है। फैक्ट्री परिसर में कोई मेडिकल स्टाफ या सुविधा न होना भी एक गंभीर मुद्दा है, जिससे इस प्रकार की घटनाओं में लोगों की सुरक्षा खतरे में पड़ रही है।

हालांकि इस घटना ने 1984 की भोपाल गैस त्रासदी की भयानक यादें ताजा कर दी हैं, जब एक बड़े औद्योगिक हादसे ने हजारों लोगों की जान ले ली थी और लाखों लोग आज भी उसके दुष्प्रभाव झेल रहे हैं। हालांकि अमलाई सोडा फैक्ट्री का गैस रिसाव उतना गंभीर नहीं था, फिर भी इस घटना ने औद्योगिक सुरक्षा और प्रबंधन की लापरवाही पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। भोपाल गैस त्रासदी से सबक लेने के बावजूद फैक्ट्रियों में सुरक्षा मानकों की कमी और लापरवाही का दोहराव चिंताजनक है।

सुरक्षा और तैयारी की आवश्यकता:
भोपाल गैस त्रासदी के बाद से ही यह अपेक्षा थी कि औद्योगिक संयंत्रों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे, लेकिन अमलाई जैसी घटनाएं यह साबित करती हैं कि सुरक्षा मानकों का पालन अब भी उपेक्षित है। इस घटना से यह स्पष्ट है कि हमें औद्योगिक सुरक्षा को प्राथमिकता देने और आपातकालीन स्थितियों से निपटने की तैयारी को और सशक्त बनाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में भोपाल जैसी त्रासदी की पुनरावृत्ति न हो।

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