जबलपुर(ईन्यूज एमपी)-अपनी सत्रह सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्टर से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन देने को आए आधा सैंकड़ा सरपंच उदास लौटे। उनकी न तो कलेक्टर से मुलाकात हो पाई और न ही उनका ज्ञापन कलेक्टर तक पहुंच पाया। दोपहर करीब एक बजे बड़ी संख्या में जिले के सरपंच कलेक्टर कार्यालय के मुख्य द्वार पर पहुंचे। उन्होंने कलेक्टर को अपना ज्ञापन देने की पेशकश की। मंगलवार का दिन होने और अनेक मीटिंगों की वजह से कलेक्टर से उनकी मुलाकात संभव नहीं हो पा रही थी। मंगलवार को ही कलेक्टर की काेर्ट भी लगी है। इसी बीच एडीएम नाथूराम गौंड़ और एसएलआर ललित ग्वालवंशी ने उनसे मुलाकात की और उनकी बात सुनीं। इसय दौरान सरपंच संघ की ओर से उन्हें ज्ञापन दे भी दिया गया। इसी बीच किसी ने सिंगूफा छोड़ दिया कि कलेक्ट्रेट तक आए हैं, तो कलेक्टर काे ही ज्ञापन देंगे। फिर क्या था, सारे सरपंच कलेक्टर से मुलाकात कर उनको ही ज्ञापन देने पर अड़ गए। बात जब कलेक्टर सौरभ सुमन तक पहुंची तो उन्होंने सरपंच संघ के पांच प्रतिनिधियों को चैम्बर में आने के लिए भी कह दिया। लेकिन सरपंच इस बात पर अड़ गए कि कलेक्टर खुद कलेक्ट्रेट के गेट तक आएं, उनकी बात सुनें और ज्ञापन लें। कलेक्टर ने असहमति दी, तो कलेक्ट्रेट के गेट पर ही धरना देकर बैठ गए कलेक्टर की ओर से असहमति दी गई, तो सरपंच संघ के लोग कलेक्ट्रेट के गेट पर ही धरना देकर बैठ गए। उनका कहना रहा कि बज तक कलेक्टर नहीं आते वो नहीं उठेंगे। करीब चार घंटे तक वे गेट पर ही नारेबाजी करते रहे। इधर कलेक्टर भी सरपंचों की बेजा जिद को दरकिनार कर दूसरे गेट से निकल गए। जैसे ही सरपंचों को पता चला कि कलेक्टर उनसे मिले बिना ही रवाना हो गए हैं, तो उन्होंने गेट पर ही अपना ज्ञापन फाड़कर फेंका और प्रशासन को भलर-बुरा कहते हुए अपने-अपने घराें को रवाना हो गए।