भोपाल (ईन्यूज एमपी)-कोहेफिजा थाना पुलिस ने एक दंपति के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। आरोपियों ने एक बेरोजगार युवक को मध्य प्रदेश ग्रामीण विकास प्राधिकरण में इंजीनियर के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर डेढ़ लाख ऐंठ लिए। इतना ही नहीं आरोपियों ने भारत सरकार के अंडर सेक्रेटरी के नाम से एक नियुक्ति पत्र भी जारी कर युवक को थमा दिया। यह नियुक्ति पत्र मध्य प्रदेश रूरल रोड डेवलपमेंट अथॉरिटी का है। यह रहा घटनाक्रम कोहेफिजा थाने के एएसआई रामप्रकाश सिंह ने बताया कि सुधीर त्रिपाठी (उम्र 30 वर्ष) ग्रेजुएट हैं। वह जॉब सर्च कर रहे थे। वर्ष 2020 में उसकी जान-पहचान हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी कोहेफिजा निवासी निलय सिंह गौर से हुई थी। सुधीर ने निलय सिंह को बताया कि वह सरकारी नौकरी की तलाश कर रहा है। इस पर निलय सिंह ने उसे बताया कि वह सरकारी ठेके लेता है और उसकी बड़े अफसरों से अच्छी जान-पहचान है। वह उसकी नौकरी लगवा सकता है। इसके बाद सुधीर उसके झांसे में आ गया। आरोपी निलय सिंह गौर ने उसे मध्य प्रदेश ग्रामीण विकास प्राधिकरण में इंजीनियर के पद पर नौकरी लगवाने का झांसा दिया और अपनी पत्नी अंतिमा सिंह गौर व अपने बैंक खाते में मई - जून 2022 के बीच डेढ़ लाख रूपए जमा करा लिए। फरियादी ने पूरी रकम दोनों के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर की थी। इसके बाद आरोपी निलय सिंह गौर ने भारत सरकार के अंडर सेकेट्री के नाम से फरियादी सुधीर त्रिपाठी को एक नियुक्ति पत्र दे दिया। इसके बाद सुधीर को पता चला कि दिया गया नियुक्ति पत्र फर्जी है। फिर उसने निलय से पैसा वापस मांगा, लेकिन उसने देने से इनकार कर दिया। तब सुधीर ने पुलिस में लिखित शिकायत की थी। जिसकी जांच के बाद पुलिस ने आरोपी निलय सिंह गौर व उसकी पत्नी अंतिमा सिंह गौर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला धारा 420, 468 और 471 के तहत दर्ज किया।