भोपाल (ईन्यूज एमपी)-मध्य प्रदेश के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। केन्द्र सरकार द्वारा एनपीएस के नए विकल्प की तलाशने के बाद अब मध्य प्रदेश सरकार भी कर्मचारियों की न्यू पेंशन स्कीम के मॉडिफिकेशन की तैयारी में है, खबर है कि इसके लिए वह आंध्र प्रदेश के मॉडल पर विचार कर रही है, अगर सबकुछ ठीक रहा है तो इसे मध्य प्रदेश में भी लागू किया जा सकता है। दरअसल, एक तरफ कर्मंचारियों को जहां केंद्र सरकार ने एनपीएस में नए विकल्प तलाश करने का भरोसा दिलाया है। संभावना है कि केंद्र सरकार आंध्र प्रदेश का मॉडल लागू करें। वही केंद्र के इस संकेत के बाद मध्य प्रदेश में भी एनपीएस में विकल्प को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है।खबर है कि राज्य सरकार, आंध्र सरकार से एनपीएस का फार्मूला मांग रही है। वित्त विभाग के सूत्र की मानें तो एनपीएस को लेकर आंध्र सरकार से फार्मूला पूछा जा रहा है। वहां से जानकारी आने के बाद उस पर मंथन होगा और निर्णय लिया जाएगा। अगर शिवराज सरकार AP फॉर्मूले पर सहमत हुई तो वर्तमान पेंशन योजना में बदलाव किया जाएगा, जिससे लाखों कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। क्या है AP फॉर्मूला आंध्र प्रदेश के फार्मूला के अनुसार, जिन कर्मचारियों के वेतन से 10% की कटौती होगी उन्हें रिटायरमेंट के दिन उनके वेतन का 33% नियमित रूप से पेंशन दिया जाएगा और शेष रकम NPS के अनुसार निवेश की जाएगी। जिसका लाभ रिटायर कर्मचारी को मिलेगा। वही जिस कर्मचारी के वेतन में से 14% कटौती की जाएगी उसे रिटायरमेंट के बाद उसके अंतिम वेतन का 40% पेंशन दी जाएगी। बता दे कि देश के 5 राज्यों पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड और हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना फिर से लागू कर दी गई है, इसके बाद से ही देशभर में पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग तेज हो चली है। उत्तराखंड, बिहार समेत मध्य प्रदेश में भी कर्मचारी इसे दोबार लागू करने की मांग कर चुके है, इसके लिए वे भोपाल में एक बड़ा सम्मेलन कर राज्य सरकार को चेतावनी भी दे चुके है कि विधानसभा चुनाव से पहले पुरानी पेंशन बहाल नहीं की, तो परिणाम भुगतने पड़ेंगे।वही कांग्रेस ने घोषणा की है कि अगर वो सत्ता में दोबारा आएगी तो ओपीएस को लागू किया जाएगा, ऐसे में लगातार बढ़ते दबाव और केंद्र सरकार द्वारा सुझाए गए विकल्प के बाद राज्य सरकार हरकत में आ गई है और इस पर विचार करना शुरू कर दिया है। कर्मचारियों को मिलता है NPS का लाभ बता दे कि पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के महीने के वेतन का 50 प्रतिशत हिस्सा मासिक पेंशन के रूप में दिया जाता था, जिसका खर्च राज्य सरकार उठाती थी,वही नई पेंशन योजना जो लागू है, इसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों पैसे देते हैं और इसके आधार पर ही पेंशन की राशि रिटायरमेंट के बाद उपभोक्ता को दी जाती है। वर्ष 2005 के बाद सेवा में आए प्रदेश के करीब 4 लाख कर्मचारियों को वर्तमान में एनपीएस का लाभ दिया जा रहा है। इसमें 10 प्रतिशत राशि कर्मचारी के वेतन से काटी जाती है और उसमें 14 प्रतिशत राशि सरकार मिलाकर एनपीएस खाते में जमा कराती है।