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Home मध्य प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र का चौथा दिन,नेता प्रतिपक्ष ने लौटाया आईपैड...

विधानसभा में बजट सत्र का चौथा दिन,नेता प्रतिपक्ष ने लौटाया आईपैड...

भोपाल(ईन्यूज एमपी)-मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र का आज चौथा दिन रहा| ग्वालियर की भितरवार सीट से कांग्रेस विधायक लाखन यादव के सवाल पर वन मंत्री विजय शाह ने इस्तीफे की बात कह दी। यादव ने कहा, उनके क्षेत्र में वन विभाग ने काम कराए ही नहीं। जांच कमेटी बनाकर मुझे भी शामिल करें। इसके जवाब में मंत्री ने कहा- यदि काम नहीं हुए, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा।

दोपहर 12 बजे प्रश्नकाल समाप्त हो गया। सदन शुरू होने से पहले नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा- जिस चीन ने गलवान में हमारे सैनिकों की हत्या की, उसी चीन में असेंबल किए गए आईपैड विधायकों को देने का मैं विरोध करता हूं। राष्ट्रवाद की बातें करने वाली भाजपा का यही दोहरा चरित्र है। चीन के आईपैड से हमारा डेटा चोरी हो सकता है।

नेता प्रतिपक्ष के बयान पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा- असेंबल मतलब अलग-अलग जगहों से पार्ट्स असेंबल कराए जाते हैं। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा- आप चीन के आईपैड के मामले पर वोटिंग करा लें। राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत बोले- मैं कल आईपैड लेने गया था तो विपक्ष के विधायकों की लाइन लगी थी। नेता प्रतिपक्ष ने गोविंद सिंह से कहा- मैंने अपना आईपैड विधानसभा अध्यक्ष को भेंट कर दिया, आप दो-दो आईपैड चलाइए।


विधानसभा अपडेट्स...

बिछिया विधायक के सवाल पर वन मंत्री बोले, टाइगर ने पकड़ लिया तो आप जिम्मेदारी लेंगे...

पहला सवाल बिछिया (मंडला) से विधायक नारायण सिंह पट्‌टा ने पूछा- जेसीबी से काम कराया गया है। वन मंत्री विजय शाह बोले- हमने जेसीबी से काम कराना बंद नहीं किया है, क्योंकि यदि जंगल में ज्यादा लोग गए और टाइगर ने किसी को पकड़ लिया तो क्या विधायक जी जिम्मेदारी लेंगे।
नारायण ने फिर पूछा, वन मंत्री यह बताएं कि कान्हा नेशनल पार्क के फॉरेस्ट एरिया में जनवरी 2019 से आज तक कितनी राशि दी गई है। अन्य स्रोतों से कितनी राशि प्राप्त हुई है? इस राशि से कौन-कौन से काम या एक्टिविटी की गई हैं?
कान्हा नेशनल पार्क अंतर्गत गठित एलएसी समिति की जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितनी बैठकें कब-कब हुई हैं? सरही जोन के लिए कितने टिकट जारी किए जाने के निर्देश हैं? वर्तमान में कितने वाहन सरही गेट से सरही जोन में एंटर करते हैं?
विधायक काकोडिया बोले- मेरे साथ मजाक कर रहे हैं...

दूसरा सवाल- बरघाट (सिवनी) से कांग्रेस विधायक अर्जुन सिंह काकोडिया ने पूछा- पेंच नेशनल पार्क से पिछले साल में कितनी आय हुई। इस आय का कितना हिस्सा स्थानीय लोगों के विकास में खर्च हुआ।
वन मंत्री ने कहा- 30% राशि स्थानीय लोगों के विकास और पार्क मैनेजमेंट में खर्च की जाती है। 15 स्थानीय लड़कियों को ट्रेनिंग दी है। सभी होटलों में काम कर रहीं हैं।
विधायक फिर बोले- आपने जो आंकडे़ दिए, क्या मेरे साथ मजाक कर रहे हैं। आप कह रहे हैं कि जंगल में आदमी नहीं भेज सकते, इसलिए जेसीबी से काम करा रहे हैं। पर्यटक भी तो जंगल में जाते हैं।
काकोडिया बोले- एक समिति को आप 1 करोड़ के बर्तन दे रहे हैं। बहस के बीच नेता प्रतिपक्ष ने कहा- मामला गंभीर है। वन मंत्री जी, आपका इन समितियों में रोल नहीं हो सकता, लेकिन आपको जांच समिति बनाकर जांच कराने में क्या दिक्कत है?
कमलनाथ बोले- ये सिवनी और छिंदवाड़ा जिले में पेंच पार्क आता है। स्थानीय लोगों को इस बात का अहसास होता है कि हमें इस पार्क से कोई फायदा नहीं है। सभी नेशनल पार्कों के लिए कोई योजना सोचें, जिससे स्थानीय लोगों की बातें सुनी जा सकें।
स्पीकर ने कहा- भोपाल से समिति बनाकर जांच कराई जाएगी। इस पर निवास (मंडला) विधायक अशोक मर्सकोले ने कहा- मेरे सवाल में भी यही कहा था, लेकिन जांच कब तक हाे जाएगी, इसकी जांच के लिए समय बताएं।
वन मंत्री ने कहा- 1 करोड़ के बर्तन खरीदने का आरोप गलत है। समिति ने 14 लाख के बर्तन खरीदे हैं। नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री ने जो कहा है, उसका भी ध्यान रखेंगे और स्थानीय लोगों को रोजगार का भी ध्यान रखेंगे। संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा बोले- एक समिति को एक करोड़ के बर्तन नहीं दिए गए, हर साल बर्तन दिए जाने हैं।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने जांच कराने की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष ने जांच की व्यवस्था दी। भोपाल का दल करेगा जांच।
विधायक उईके के सवाल पर मंत्री ने एक महीने में जांच का आश्वासन दिया

तीसरा सवाल बैहर (बालाघाट) से कांग्रेस विधायक संजय उईके ने पूछा- क्या वन विभाग को वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक बैहर विधानसभा क्षेत्र में केंद्र और राज्य सरकार से कितनी राशि मिली, कितनी खर्च हुई, क्या काम कराए गए?
विधायक उईके ने कहा- फेंसिंग में 15-16 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। कई काम हुए ही नहीं और उनके पैसे खर्च कर दिए गए। मुझे जो जानकारी मिली, उसमें बीट क्रमांक, कक्ष क्रमांक की जानकारी नहीं दी गई।
वन मंत्री विजय शाह ने जवाब में कहा- जानकारी छिपाने का सवाल नहीं उठता, जितना आपने पूछा, उतनी जानकारी दी गई है। शायद विधायक जी पढ़ नहीं पाए होंगे। विधायक ने फिर दोहराया- जानकारी में कक्ष क्रमांक नहीं बताए गए।
अलावा बोले- मनावर में पीने को साफ पानी नहीं

चौथा सवाल हीरा लाल अलावा ने पूछा- मेरे मनावर विधानसभा (धार) क्षेत्र में बड़ा हिस्सा फ्लोराइड प्रभावित है। गांवों में पीने का साफ पानी नल-जल योजना से नहीं मिल पा रहा है। फ्लोराइड के कारण लोगों की हडि्डयां टेड़ी हो गईं। जहां गड़बडी हुई, मैंने एफआईआर के लिए आवेदन दिया था, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
इसके जवाब में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा- धार जिले में जल संसाधन की तीन छोटी सिंचाई परियोजनाएं चल रही हैं। आपको नाम सहित जानकारी दे दी है। मंत्री ने सवाल को एनवीडीए को ट्रांसफर कर दिया।
पटेल ने उठाया कर्मचारियों के संविलियन का मुद्दा

नरसिंहपुर से बीजेपी विधायक जालम सिंह पटेल ने पूछा- मप्र सड़क परिवहन निगम के कर्मचारियों के संविलियन का कोई प्रस्ताव विचाराधीन है क्या?
मंत्री गोविंद सिंह ने कहा- सड़क परिवहन निगम बंद करने की प्रक्रिया चल रही है। इसलिए कर्मचारियों के संविलियन का अभी फिलहाल कोई निर्णय नहीं हुआ है।
मंदसौर से बीजेपी विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने भी पटेल के सवाल का समर्थन करते हुए कहा- परिवहन निगम के कर्मचारी काम तो कर रहे हैं, लेकिन उनका संविलियन नहीं हो पा रहा है।
भितरवार विधायक के सवाल पर वन मंत्री बोले, मैं इस्तीफा दे दूंगा

लाखन यादव ने पूछा- भितरवार विधानसभा (ग्वालियर) में पिछले तीन साल में कितने काम कहां, कितनी राशि से किए गए। मुझे 22 पेज का जवाब मिला है। मेरे खुद के गांव में 28 लाख के काम कराने की बात लिखी है। इसमें बडे़ पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। जितने काम कराए हैं, उनकी भोपाल स्तरीय जांच कमेटी में मुझे शामिल कर जांच करा लें।
वन मंत्री विजय शाह ने कहा- ये काम नहीं हुए आपका ये आरोप है, यदि ऐसा है, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा।
विधायक बोले- आप सिर्फ 5 पंचायतों में हुए कामों की जांच करा लें। राज्य स्तरीय समिति बनाकर मुझे शामिल करें।
मंत्री बोले- जांच समिति बनाकर जांच करा लेंगे। रिपोर्ट सदन के पटल पर रख देंगे, लेकिन विधायक को शामिल करने का सवाल नहीं उठता। मेरा विभाग है, मेरी जिम्मेदारी है। अगर थोड़ी भी गड़बड़ी मिलती है, तो एपीसीसीएफ लेवल के अधिकारी जांच करने जाएंगे। गड़बड़ी मिली तो उस अधिकारी का क्या करूंगा? ये मैं बाद में बताऊंगा।
बाला बच्चन ने कहा, पौधे नहीं लगे और उसका पैसा सरकार ने निकाला है

खरगोन की राजपुर सीट से विधायक और पूर्व मंत्री बाला बच्चन ने कहा, फर्जी तरीके से 8 साल में 40 लाख पौधे लगाने की जानकारी सरकार ने दी है। इसकी जांच कराई जाए। इस जांच में आप भी रहें और हम भी रहें। जिससे ये पता चल सके कि पौधरोपण में किस तरह भ्रष्टाचार किया गया।
वन मंत्री बोले- 2018-19 में तत्कालीन सरकार के अधिकारियों ने गड़बड़ी की। 2020 में जैसे ही हम आए, हमने टीडीएस कटवाना शुरू कर दिया। तत्कालीन अधिकारियों से वसूली की जाएगी और कार्रवाई की जाएगी। सरकार कोई भी हो, लेकिन यदि अधिकारियों ने गड़बड़ी की तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।
विजयराघवगढ़ विधायक के सवाल पर उद्योग मंत्री ने कहा- जांच कराएंगे

कटनी की विजयराघवगढ़ से विधायक संजय पाठक ने एसीसी सीमेंट फैक्ट्री में स्थानीय लोगों को रोजगार न मिलने का मामला उठाया। विभाग द्वारा दिए गए जवाब के आंकड़ों को गलत बताया।
पाठक ने कहा- दूसरे राज्यों के आदतन अपराधी वहां काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने जांच कराकर स्थानीय लोगों को रोजगार देने के निर्देश दिए थे। किसानों की जमीनें एसीसी कंपनी ने अधिग्रहण कर लीं। मुआवजा नहीं मिला।
फ्लाई ऐश के ट्रांसपोर्टेशन का काम हिमाचल प्रदेश के लोगों को दिया गया है। ओपन ट्रकों में ये जहरीली फ्लाईऐश ट्रांसपोर्ट की जा रही है। जब मप्र सरकार उद्योगपतियों को सारी सुविधाएं दे रही है, तो स्थानीय लोगों को एसीसी रोजगार क्यों नहीं दे रही है।
जवाब में उद्योग मंत्री दत्तीगांव ने कहा- वास्तव में जो परिवार प्रभावित हुए हैं, उन्हें रोजगार दिया जाएगा। जो अनियमितता हुई है, उसकी जांच कराएंगे। पर्यावरण के नियमों के उल्लंघन के मामले की जांच कराएंगे। ये गंभीर मामला है। अमेटा का प्लांट अभी चालू नहीं हुआ है। विभाग कंपनी का प्रबंधन जिला प्रशासन को निर्देशित करेंगे कि जनहित में विधायक के साथ बैठकर इन सभी मामलों का निराकरण करें।
मंत्री के जवाब के बाद स्पीकर ने कहा- किसानों की जमीन प्लांट के भीतर आने के बाद मुआवजे की जांच और सड़क किनारे फ्लाईऐश फैलाने के मामले की जांच करा लें। इसपर मंत्री ने कहा- सभी मामलों की जांच करा लेंगे।
सिंधिया के डर से दिग्विजय सिंह ने अशोकनगर जिला बनाया

राज्यपाल के अभिभाषण पर चांचौड़ा (गुना) से कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने कहा- पूर्व सरकार ने नए जिले बनाने का फैसला किया था। छोटे जिले बनाने से सरकार का राजस्व बढ़ता है। अशोकनगर जिला बना है, वहां जमीनों के दाम बढ़े हैं। अस्पताल, स्कूल, कॉलेज बने हैं। पिछली सरकार में चांचौड़ा को जिला बनाने का निर्णय हुआ था।
इस पर सिरोंज से बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा ने कहा- अशोकनगर जिला बनाने में हमारे विदिशा जिले के सिरोंज के साथ अन्याय हुआ था। सिंधिया के डर से दिग्विजय सिंह ने अशोकनगर जिला बनाया था।
लक्ष्मण सिंह ने आगे कहा, 21 चीते आ गए। मैंने विशेषज्ञों से बात की। उन्होंने बताया कि चीतों के लिए एरिया बढ़ाना पड़ेगा। ये ग्वालियर तरफ बढेंगे नहीं, दूसरी तरफ राजस्थान, तीसरी तरफ चंबल नदी है। झांसी तरफ भी नहीं जाएंगे। ये हमारे राघौगढ़ की तरफ जाएंगे। हमारे राघौगढ़ सेंचुरी की तो चर्चा ही नहीं हो रही। राघौगढ़ सेंचुरी डिक्लेयर कीजिए। पहले हमारे गुना में लायन थे।
लटेरी को भी जोड़िए। उसमें कोई विस्थापित नहीं होगा। चीता कभी आदमी पर हमला नहीं करता, जानवरों को खाता है। वहां सब सहरिया आदिवासी रहते हैं, उनकी बकरियों का मुआवजा 15-20 हजार कीजिए। कंक्रीट होटल बनाने की अनुमति मत दीजिए। केवल टेंटिंग लगाने की ही अनुमति दीजिए।
जिन दो-तीन गांव विस्थापित कर रहे हैं उन्हें अच्छा अस्पताल और कॉलेज मिल जाए तो वे वहीं रहने को तैयार हैं। ये प्रोजेक्ट आसपास के आदिवासियों और लोगों की माली हालत बदल सकता है। लक्ष्मण सिंह के भाषण पर राजस्व मंत्री गोविन्द सिंह ने कहा- इस सदन में दो ही लोग हैं, जो स्वतंत्र रूप से सच बोलते हैं। एक डॉ. गोविंद सिंह और दूसरे लक्ष्मण सिंह।
CM से कांग्रेस बोली, दोषियों पर एक्शन लेंगे?

कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने कहा, भारत में टैबलेट बनाने वाली कंपनियों को आईना दिखाने का काम मप्र की भाजपा सरकार ने किया है। क्या मुख्यमंत्री, जो निवेश यात्रा बताकर पूर्व में चीन के खर्चे पर चीन गए थे, क्या चीन निर्मित यह टैबलेट प्रदेश के व्यापार को बौना कर चीन के व्यापार/निवेश को प्रोत्साहित करने का प्रयास है? एक तरफ चीन भारत की सीमाओं पर घुसपैठ कर हमारे वीर सैनिकों के साथ हाथापाई कर उन्हें जख्मी कर रहा है, वहीं केंद्र सरकार उन खबरों को सार्वजनिक करने में परहेज करती है और मप्र की भाजपा सरकार चीन का व्यापार बढ़ाने के लिए आतुर है, ऐसा क्यों? प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान से कांग्रेस मांग करती है कि इस विषयक वे अपना अभिमत सार्वजनिक करें। इन निर्णय (टैबलेट वितरण) में जो कुछ हुआ है, वह उनकी जानकारी में था या नहीं? यदि था तो क्या वे प्रदेश की जनता से माफी मांगेंगे? यदि नहीं, तो क्या वे दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।

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