भोपाल (ईन्यूज एमपी)- राज्य सरकार 20 हजार ग्राम रोजगार सहायकों का मानदेय एक हजार रुपये बढ़ाने पर विचार कर रही है। मंगलवार को मंत्रालय में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस पर चर्चा की है। इसके बाद रोजगार सहायकों का वेतन 10 हजार रुपये हो जाएगा। उन्होंने कहा कि गरीबों को रोजगार और मजदूरी दिलाना सरकार की प्राथमिकता है। इसलिए जनजातीय बहुल जिलों में मनरेगा के काम प्राथमिकता से कराएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा में मजदूरों के बैंक खातों में सौ प्रतिशत मजदूरी का समय पर भुगतान करें। जहां मजदूर आसानी से मिलें, ऐसे जिलों में मनरेगा के कार्यों को बढ़ाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क, तालाब, अधोसंरचना विकास के कार्य तेजी से पूरे करें। जरूरतमंद लोगों को कार्य मिले। प्रदेश में मनरेगा के कार्यों की ज्यादा आवश्यकता है। इसके लिए केंद्र सरकार से और अधिक राशि की मांग की जाए। उन्होंने कहा कि पेसा नियम के क्रियान्वयन में योगदान के लिए बनाए गए जिला समन्वयक, ब्लाक समन्वयक और पेसा मोबलाइजर के पदों की भर्ती की प्रक्रिया की जांच की जाए। किसी भी स्थिति में फर्जी भर्ती न हो। ग्राम पंचायतों में पदस्थ सचिवों को प्रतिमाह वेतन देना दें। वेतन किसी भी हालत में रुकना नहीं चाहिए, इसके लिए विभाग गंभीरता से कार्य करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में सामुदायिक भवन बनवाने के लिए राशि जुटा कर कार्य करें। साथ ही जो घोषणाएं की गई हैं, उन्हें पूरा किया जाए। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री जनआवास योजना के कार्यों पर भी चर्चा की। मुख्यमंत्री जन आवास योजना की घोषणा 15 अगस्त 2022 को की गई थी। उन्होंने निर्देश दिए कि स्वीकृत आवासों को शुरु कराया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता अभियान में गंभीरता से कार्य करें। गोवर्धन परियोजना के कार्य में प्रगति बढ़ाई जाए। सड़कों के संधारण के लिए प्राथमिकता का निर्धारण किया जाए।