भोपाल (ईन्यूज एमपी)-आगामी चुनावों से पहले मध्य प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने लेकर सियासी हलचल तेज हो चली है। एक तरफ राज्य की शिवराज सरकार ने एमपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में साफ कर दिया कि पुरानी पेंशन योजना की बहाली को लेकर कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है, वही दूसरी तरफ अब कांग्रेस हिमाचल प्रदेश के ओपीएस फॉर्मूले को एमपी में आजमाने की तैयारी में है। दरअसल, पूर्व सीएम कमलनाथ ने एक बार फिर अपने बयान को दोहराते हुए सत्ता में आने के बाद एमपी में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की घोषणा की है। कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा है कि बीजपी की नई पेंशन योजना ने कर्मचारियों और उनके परिवारों से जीवनयापन का हक छीन लिया है। हजारों मे वेतन पाने वाले शिक्षकों को परिवार पालने के लिए सैकड़ों मे पेंशन मिल रही है।मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही हम पुरानी पेंशन योजना लागू कर कर्मचारियों को सम्मान का जीवन देंगे। सीएम शिवराज को लिख चुके है पत्र इससे पहले दिसंबर में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने पुरानी पेंशन लागू करने को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा था। ये पत्र पुरानी एवं वरिष्ठता बहाली महासभा मध्यप्रदेश एवं राज्य शिक्षक कांग्रेस के ज्ञापन पर उन्होने लिखा था। वही एक ट्वीट भी किया था कि शिवराज सरकार द्वारा बंद की गई सरकारी कर्मचारियों की पेंशन को मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही फिर बहाल किया जाएगा। हिमाचल में लागू करने की तैयारी बता दे कि वर्तमान में राजस्थान, छत्तीसगढ़,पंजाब और झारखंड में पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी गई है। वही हिमाचल प्रदेश में भी लागू करने की तैयारी है।चुंकी कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले सरकारी कर्मचारियों को वादा किया था कि जैसे ही राज्य में उनकी सरकार बनेगी, पहली कैबिनेट में इसे लागू किया जाएगा। इसको लेकर तैयारियां शुरू हो गई है, संभावना जताई जा रही है कि इसी महीने के अंत तक कर्मचारियों को लाभ दिया जा सकता है।