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प्रदेश सरकार कुपोषण के प्रति गंभीर नहीं : कमलेश्वर पटेल

भोपाल (ईन्यूज एमपी)-विधायक एवं पूर्व मंत्री श्री कमलेश्वर पटेल ने बताया कि हाल ही में संपन्न विधानसभा सत्र में प्रदेश की भाजपा सरकार से कुपोषित बच्चों को कुपोषण से बाहर निकालने में शासकीय अमले की विफलता के संबंध में जानकारी लेने पर महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा बताया गया कि प्रदेश में कुल दो लाख एक हजार 873 बच्चे अति गंभीर कुपोषित बच्चे चिन्हित हुए। इसमें सीधी जिले में 5 हजार 397 एवं सिंगरौली जिले में 3 हजार 690 बच्चे शामिल है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा बताया गया कि इनमें से करीब 90% बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हुआ है। विधायक श्री पटेल ने बताया की वास्तविकता इन आंकड़ों से भिन्न है,धरातल स्तर पर अनेक बच्चे कुपोषण की गिरफ्त में अभी भी देखें जा रहे है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासी एवं कमजोर वर्ग के बच्चे जिन्हें स्वास्थ्य संबंधी जानकारी का पूर्ण ज्ञान नहीं होने से असमय काल के गाल में समा रहे हैं।
विधायक श्री पटेल ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग को करोड़ों रुपए का बजट राशि प्रतिवर्ष प्रदान की जाती है। उसके बाद भी आज स्थिति जस की तस बनी हुई है पिछले 3 माह से प्रदेश की अनेकों आंगनबाड़ियों में पोषण आहार का वितरण नहीं हुआ।
विधायक श्री पटेल ने बताया प्रदेश की भाजपा सरकार जन स्वास्थ्य के प्रति पूरी तरह हर असंवेदनशील एवं लापरवाह है।पिछले कई वर्षों से उप स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं जिला चिकित्सालय में अनेक पद चिकित्सकों एवं गैर चिकित्सकीय पद रिक्त होने से स्वास्थ्य केंद्रों एवं अस्पतालों का संचालन ठीक से नहीं हो पा रहा है। इससे गरीब जनता के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। वहीं आयुष्मान कार्ड का ढिंढोरा पीट कर आयुष्मान कार्ड धारियों का उपचार निजी अस्पतालों में नहीं करने एवं उसमें भी भ्रष्टाचार की बड़ी-बड़ी शिकायतें प्राप्त हो रही है।
विधायक श्री पटेल ने बताया कि सरकार ने एक प्रश्न के उत्तर में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने बताया कि सीधी जिले में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं जिला चिकित्सालय में कुल चिकित्सकों के कुल 83 पद रिक्त हैं, शासन से शीघ्र रिक्त चिकित्सकों की पद पूर्ति की मांग की जाती रही है।इसके बाद भी सरकार जनहित के इस मुद्दे पर गंभीर नहीं है। इससे गरीब जनता के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है शासन प्रतिवर्ष इन स्वास्थ्य केंद्र एवं जिला चिकित्सालय में करोड़ों रुपए का बजट प्रदान करती हैं।
उसके बाद भी स्थिति ज्यों की त्यों है।
विधायक श्री पटेल ने पुराण सरकार से मांग की है कि लोकहित एवं लोक कल्याण के प्रति गंभीर होकर कार्य करें जिससे आम जनमानस के स्वास्थ्य में सुधार हो सके।
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