सतना(ईन्यूज एमपी)- यहां मारूति नगर में रविवार सुबह पांच बजे से आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) रीवा के दल ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जूनियर वैज्ञानिक सुनील कुमार मिश्रा के घर पर छापामार कार्रवाई की। सरकारी पद पर रहते हुए आए से अधिक संपत्ति कमाने के आरोप और शिकायत के बाद ईओडब्ल्यू रीवा की टीम ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की, जिसमें अब तक सात करोड़ से ज्यादा की संपत्ति का पता चला है। इस कार्रवाई में ईओडब्ल्यू के निरीक्षक मोहित सक्सेना व प्रवीण चतुर्वेदी के नेतृत्व 25 सदस्यीय टीम शामिल है, जिन्होंने पहले सुनील कुमार मिश्रा के घर और गली को घेरा और फिर दबिश दी। ईओडब्ल्यू की टीम को सुनील कुमार मिश्रा के घर पर जमीनी दस्तावेज, सोना-चांदी, नकदी, गाड़ियां और कई बेनामी संपत्ति का पता चला। बताया जा रहा है कि सतना में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में जूनियर वैज्ञानिक के पद पर पदस्थ सुनील कुमार मिश्रा का घर सतना के मारूति नगर स्थित गली नंबर 7 में है, जिनके खिलाफ ईओडब्ल्यू रीवा को आर्थिक अनियमितता और अपने पद का दुरुपयोग कर संपत्ति अर्जित करने की शिकायत मिली थी, जिसकी जांच ईओडब्ल्यू की टीम ने शुरू करते हुए रविवार को उनके घर पर छापा मारा और यह कार्रवाई शाम तक जारी रही। अब तक यह-यह मिला ईओडब्ल्यू रीवा से मिली जानकारी अनुसार इस छापामार कार्रवाई में वैज्ञानिक सुनील कुमार मिश्रा के घर नकद मिले जिन्हें कर्मचारियों को गिनने में काफी समय लगा। इसके साथ ही सोने-चांदी के जेवर, तीन चार पहिया वाहन जिसमें एक महिंद्रा एक्सयूवी, एक स्कारपियो और एक इंडिको कार सहित तीन मोटरसाइकिल और एक ट्रैक्टर भी मिला है। इसके साथ ही शहर में स्मार्ट सिटी से लगा हुए बेलहटा ग्राम में सात एकड़ का एक आलीशान फार्म हाउस होने के दस्तावेज भी मिले हैं, जिसकी 1500 वर्ग फीट का मकान भी बना रखा है, कीमत लाखों में है। इस संपत्ति के अलावा सुनील कुमार मिश्रा के पास से सतना के घुरडांग, बदखर, अमौधाकला में भी संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं। यही नहीं आरोपित ने अपने स्वयं और पत्नी सुमन मिश्रा, पुत्र ज्ञानेंद्र मिश्रा और अनिल कुमार मिश्रा के नाम से सतना और शहर से लगे हुए क्षेत्र व भोपाल में भी जमीन होने के दस्तावेज मिले हैं। बैंक, एलआइसी, पोस्टआफिस में बीमा और पालिसी और लाकर की भी जानकारी जुटाई जा रही है। 2020 में बना कैमिस्ट से जूनियर वैज्ञानिक बताया जा रहा है कि सतना में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में सुनील कुमार मिश्रा 1990 में लैब असिस्टेंट के पद पर थे। कैमिस्ट के पद पर 2006 में पदोन्नति हुए थे। इसके बाद 2020 में जूनियर वैज्ञानिक के रूप में पदोन्नत हुए हैं। ईओडब्ल्यू ने सुनील कुमार मिश्रा को इस सरकारी नौकरी से वेतन के रूप में अब तक 60 लाख रुपये की ही आय आंकी, जबकि उनके पास से सात करोड़ से अधिक के दस्तावेज जब्त हुए हैं। बड़ा बेटा करता है ठेकेदारी आरोपित द्वारा बताया गया कि उसका बड़ा पुत्र ज्ञानेंद्र मिश्रा ठेकेदारी करता है जबकि छोटा पुत्र अनिल मिश्रा पढ़ाई करता है। आरोपित की बहू ज्योति मिश्रा बीते पांच वर्ष से रामपुर बाघेलान में पटवारी है। इनके पास से भी संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं। आरोपित की संपत्ति सात करोड़ से अधिक की पाई गई है, जिसकी जांच जारी है। इसके तहत बेनामी संपत्ति का आंकड़ा और भी बढ़ने की संभावना है। इसके आधार पर इनके खिलाफ आगे कार्रवाई की जाएगी। सुनील मिश्रा का मारूति नगर में दो मंजिला आलीशान घर है, जहां हर प्रकार के शानो-शौकत के सामान हैं। इन सभी की जांच की जा रही है। इस कार्रवाई की जानकारी लगते ही विभाग के अन्य अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है। कार्रवाई में ये रहे शामिल ईओडब्ल्यू रीवा टीम की कार्रवाई में निरीक्षक मोहित सक्सेना, निरीक्षक प्रवीण चतुर्वेदी, उपनिरीक्षक सीएल रावत, उपनिरीक्षक गरिमा त्रिपाठी, उप निरीक्षक अभिषेक पाण्डेय, एएसआइ संतोष पांडेय, प्रधान आरक्षक रामजी पाण्डेय, अनिल सिंह, पुष्पेंद्र पटेल, सत्यनारायण मिश्रा, ओंकार शुक्ला, आरक्षक भारतेंदु सिंह, धनंजय अग्निहोत्री, पूर्णिमा सिंह, संतोष मिश्रा की भूमिका रही। अब तक यह मिला -नकद - 30,30,860 रुपये -सोने चांदी के जेवरात – कीमत 8,18,725 रुपये -21 बैंक खाते और चार बीमा पालिसी -29 रजिस्ट्री के दस्तावेज- कीमत 1,75,54,203 -दो मंजिला मकान- कीमत 37,50,000 -तीन चार पहिया व तीन दो पहिया वाहन- कीमत 50 लाख -35 नग विक्रय अनुबंध जिसमें 3,82,72,742 रुपये के जमीनी क्रय अनुबंध शामिल