भोपाल (ईन्यूज एमपी)- मध्य प्रदेश की 15 हजार वन समितियों को अब वनोपज से प्राप्त होने वाले राजस्व का 20 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा। इसकी शुरुआत केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 22 अप्रैल को भोपाल के जंबूरी मैदान पर आयोजित हो रहे वन समितियों के सम्मेलन में करेंगे। इस दौरान तेंदूपत्ता संग्राहकों को लाभांश वितरण किया जाएगा। साथ ही 850 वनग्रामों को राजस्व ग्राम में परिवर्तित करने की प्रक्रिया भी प्रारंभ की जाएगी। सम्मेलन में 50 हजार वनवासी हिस्सा लेंगे। इसकी तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल नवंबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में हुए जनजातीय गौरव दिवस के बाद यह दूसरा मौका है, जब प्रदेशभर से जनजातीय वर्ग के प्रतिनिधि भोपाल आ रहे हैं। सम्मेलन की तैयारियों में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। इस दौरान वन विभाग के प्रमुख सचिव अशोक बर्णवाल ने बताया कि 15 हजार वन समितियों को राजस्व का बीस प्रतिशत हिस्सा देने का निर्णय लिया गया है। इससे समितियों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और इसका लाभ जनजातीय वर्ग को मिलेगा। काफी समय से वनग्राम को राजस्व ग्राम में परिवर्तित करने की मांग हो रही है। राजस्व विभाग के साथ सैद्धांतिक सहमति हो चुकी है। अब प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। ग्रामसभा इसके लिए प्रस्ताव पारित करेंगी। तेंदूपत्ता संग्राहकों को पिछले साल का लगभग 70 करोड़ रुपये का लाभांश वितरित किया जाएगा। इसकी तैयारी कर ली गई है। सम्मेलन में जनजातीय और वन क्षेत्र की लोक संस्कृति से संबंधित सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी होंगी। सरकार ने सामुदायिक वन प्रबंधन, लघु वनोपज संग्रहण और वन्य-प्राणी संरक्षण की दिशा में जो कदम उठाए हैं, उनसे संबंधित चित्र प्रदर्शनी लगाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आमंत्रित प्रतिनिधियों के लिए भोजन, पेयजल, ठहरने, सुरक्षा और परिवहन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। इस दौरान गृहमंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। पांच हितग्राहियों को दी जाएगी लाभांश की राशि सम्मेलन में पांच हितग्राहियों को तेंदूपत्ता लाभांश राशि दी जाएगी। वहीं, हरदा, छिंदवाड़ा, बैतूल की वन समितियों के अध्यक्षों भी मंच पर बुलाया जाएगा। 15 हजार 608 ग्रामों में सम्मेलन का वेबकास्ट किया जाएगा। वन विभाग ने पांच हजार गांवों में प्रसारण व्यवस्था की गई है।