भोपाल (ईन्यूज एमपी)- राज्य सरकार ने हाउसिंग बोर्ड की अविवादित संपत्ति (मृत्यु प्रकरण) के नामांतरण, के्रता-विक्रेता के बीच संपत्ति के हस्तांतरण सहित अन्य प्रकरणों के निराकरण की समयसीमा तय कर दी है। अब अविवादित संपत्ति का नामांतरण एवं हस्तांतरण अनिवार्य रूप से 50 दिन में करना होगा। इसी तरह कल्याणी विवाह सहायता 30 दिन और अंकसूची की प्रतिलिपि, मुख्यमंत्री अविवाहिता पेंशन, भवन पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने के लिए 15 दिन की सीमा तय की गई है। विभिन्न् विभागों की 12 सेवाओं को लोक सेवा गारंटी कानून के दायरे में लाया गया है। यदि संबंधित विभाग तय समय अवधि में सेवा उपलब्ध नहीं कराता है तो संबंधित अधिकारी पर जुर्माना लगाया जाएगा और यह राशि हर्जाने के रूप में आवेदक को दी जाएगी। लोक सेवा प्रबंधन विभाग ने कानून के दायरे में लाई गईं नई सेवाओं के आदेश जारी कर दिए हैं। हाउसिंग बोर्ड के संपदा अधिकारी को आवेदन आने के बाद 50 दिन में अविवादित संपत्ति का नामांतरण करना होगा। वे नामांतरण तय अवधि में नहीं करते हैं, तो आवेदक वृत्त के उपायुक्त के समक्ष अपील प्रस्तुत कर सकता है। जिसकी सुनवाई 30 दिन में पूरी करनी होगी। दूसरी अपील मुख्य संपदा अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत की जा सकेगी। यही प्रक्रिया के्रता-विक्रेता के बीच अविवादित संपत्ति के हस्तांतरण के लिए अपनाई जाएगी। वहीं सामाजिक न्याय एवं निश्शक्तजन कल्याण विभाग के तहत मुख्यमंत्री कल्याणी विवाह सहायता योजना के प्रकरण का निराकरण 30 दिन में करना होगा। यह जिम्मा जिले के कलेक्टर का रहेगा। समय पर प्रकरण का निराकरण न होने पर आवेदक संभागीय आयुक्त के समक्ष प्रथम अपील प्रस्तुत कर सकेगा। दूसरी अपील की सुनवाई आयुक्त सामाजिक न्याय एवं निश्शक्तजन कल्याण करेंगे। विभिन्न् सेवाओं के लिए अवधि निर्धारित सेवाएं -- कार्य दिवस मुख्यमंत्री अविवाहिता पेंशन योजना -- 15 दिन अंकसूची की प्रतिलिपि (एससीवीटी) -- 15 दिन स्थानांतरण प्रमाण पत्र प्रतिलिपि (आइटीआइ) -- 15 दिन चरित्र प्रमाण पत्र (आइटीआइ) -- पांच दिन भवन अनुज्ञा कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र -- 15 दिन योग्यता वृद्धि प्रमाण पत्र (एमडी आयुर्वेद, यूनानी, प्राकृतिक चिकित्सा) -- 30 दिन पंजीयन सत्यापन (एमडी आयुर्वेद, यूनानी, प्राकृतिक चिकित्सा) -- 15 दिन पंजीयन प्रमाण पत्र की दूसरी प्रति (एमडी आयुर्वेद, यूनानी, प्राकृतिक चिकित्सा) -- 15 दिन निवास का पता परिवर्तन (एमडी आयुर्वेद, यूनानी, प्राकृतिक चिकित्सा) -- पांच दिन