भोपाल (ईन्यूज एमपी)- मध्य प्रदेश के लाखों कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग कर रहे हैं। राजस्थान और छत्तीसगढ़ की सरकारें फैसला कर चुकी हैं। शिवराज सरकार को भी इसे लागू करना चाहिए। साथ ही कर्मचारियों के उपचार के लिए कांग्रेस सरकार के समय बनाई योजना को भी लागू करें। प्रदेश के ऊपर कर्ज बजट से अधिक हो गया है, जो मार्च 2023 तक तीन लाख 47 हजार करोड़ रुपये हो जाएगा। बेरोजगारों की संख्या 30 लाख से ज्यादा है। यह बात पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत ने मंगलवार को सदन में बजट पर सामान्य चर्चा की शुरुआत करते हुए कही। बजट पर सामान्य चर्चा का जवाब बुधवार को वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा देंगे। वहीं, सत्ता पक्ष की ओर से शैलेन्द्र जैन ने कहा कि कोरोना काल की परिस्थिति के बाद आदर्श बजट प्रस्तुत किया गया है। इसमें सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखने के साथ पूंजीगत व्यय बढ़ाने पर जोर दिया गया है। पूंजीगत व्यय 40 हजार 115 करोड़ तक पहुंचाने का काम किया गया है। इससे अर्थव्यवस्था में गति आएगी। सरकार में ऐसी नौबत कभी नहीं आई। तीर्थदर्शन, लाड़ली लक्ष्मी, संबल जैसी योजनाओं के लिए अगर कर्ज लेना पड़ा तो लेंगे। कांग्रेस ने किया बहिर्गमन : प्रदेश में कर्मचारियों द्वारा पुरानी पेंशन बहाली को लेकर की जा रही मांग के समर्थन में प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, पीसी शर्मा सहित अन्य विधायकों ने कहा कि सरकार लाखों कर्मचारियों से जुड़े इस मुद्दे पर सदन में चर्चा कराने से बच रही है। इसको लेकर ध्यानाकर्षण सूचना भी दी गई है। इसके बाद उन्होंने बहिर्गमन कर दिया। नौकरी है, न रोजगार: डा. विजयलक्ष्मी साधौ ने कहा कि बजट देखकर ऐसा लगता है कि अर्थव्यवस्था वेंटिलेटर पर है। नौकरी है न रोजगार। युवाओं का भविष्य अंधकार में है। महंगाई की मार से हर वर्ग परेशान है। राहत देने के लिए सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। प्रदेश में बेरोजगार की दर आठ प्रतिशत से अधिक है। भाजपा के बहादुर सिंह चौहान ने कहा कि 361 सिंचाई योजनाएं पूरी होने पर सिंचित क्षेत्र 23 लाख 21 हजार हेक्टेयर बढ़ जाएगा। केन बेतवा लिंक परियोजना से आठ लाख 11 हजार हेक्टेयर में सिंचाई होगी और 41 लाख ग्रामीणों को पीने के लिए पानी मिलेगा। बिजली लिए बिना कर दिया भुगतान : कांग्रेस के जीतू पटवारी ने कहा कि बिना बिजली लिए ही 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान कर दिया गया। कोरोना से अर्थव्यवस्था कमजोर और लोग परेशान हैं। बिजली की दर बढ़ाने का काम न करें। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के 61 प्रथम श्रेणी के अधिकारियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार की जांच चल रही है। इंदौर मेट्रो परियोजना के विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन में भूकंप जोन के बारे में काई जिक्र ही नहीं है। बाद में शामिल किया गया, जिससे डिजायन बदली और परियोजना लागत बढ़ी। इसकी जांच आइआइटी के इंजीनियरों से कराई जानी चाहिए। रिश्वतखोरी की शिकायत 289 प्रतिशत बढ़ी बजट चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले बढ़ते जा रहे हैं। वर्ष 2020 में सिर्फ 118 लोगों ने रिश्वतखोरी की शिकायत की थी, लेकिन यह अब बढ़कर 341 हो गई है, यानी 289 प्रतिशत की वृद्धि हुई। सौ से ज्यादा आइएएस, आइपीएस और आइएफएस के विरुद्ध अनियमितता के मामले आर्थि अपराध प्रकोष्ठ में चल रहे हैं। वहीं, बाला बच्चन ने कहा कि पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को सरकार छात्रवृत्ति तक नहीं दे पा रही है। अनुसूचित जाति के आठवीं तक के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति 11 करोड़ रुपये घटा दी। स्वरोजगार योजनाओं का अनुदान अभी तक नहीं दिया गया है। आज ही पूरा हो सकता है बजट सत्र 25 मार्च तक प्रस्तावित विधानसभा का बजट सत्र बुधवार को ही पूरा हो सकता है। दरअसल, विस सचिवालय ने एक ही दिन में सभी विभागों की अनुदान मांगों को कार्यसूची में शामिल कर लिया है। वित्त मंत्री बजट पर सामान्य चर्चा का उत्तर देने के साथ विनियोग और वित्त विधेयक भी प्रस्तुत करेंगे। आठ ध्यानाकर्षण सूचनाएं भी कार्यसूची में शामिल की गई हैं।