जबलपुर(ईन्यूज एमपी)- मप्र हाई कोर्ट ने एक याचिका का इस निर्देश के साथ पटाक्षेप कर दिया कि जिला शिक्षा अधिकारी, डीईओ कटनी 60 दिन के भीतर तृतीय क्रमोन्नति का लाभ प्रदान करें। न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता पन्ना निवासी गनेश सिंह ठाकुर की ओर से अधिवक्ता ने एसपी सिंह ने दलील दी कि याचिकाकर्ता 31 दिसम्बर, 2020 को प्रधानाध्यापक पद से माध्यमिक शाला, देवरीकला, ब्लाक रीठी, जिला कटनी से सेवानिवृत्त हुआ था। उसे 30 वर्ष की सेवा के एवज में तृतीय क्रमोन्नति का लाभ नहीं दिया गया। लिहाजा, हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। जिस पर सुनवाई के बाद एक जुलाई, 2014 से तृतीय क्रमोन्नति का लाभ दिए जाने का आदेश पारित हुआ। इसके बाद तृतीय क्रमोन्नति का लाभ तो दिया गया किंतु पुनरीक्षण वेतनमान एरियर्स ब्याज सहित नहीं दिया गया। इसीलिए नए सिरे से हाई कोर्ट में याचिका दायर करनी पड़ी।हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद 60 दिन के भीतर तृतीय क्रमोन्नति के लाभ पुनरीक्षण वेतनमान, अर्जित अवकाश, एरियर्स ब्याज सिंह भुगतान करने के निर्देश देते हुए याचिका का पटाक्षेप कर दिया। सेवानिवृत्त कर्मचारियों को नियमों में उलझाकर परेशान करने के रवैये को हाई कोर्ट ने बेहद गंभीरता से लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। साफ किया है कि इस तरह कर्मचारियों को हलकान करना उचित नहीं। कायदे से समय रहते नियमों की रोशनी में राहत देनी चाहिए। एक कर्मचारी जो जीवन के महत्वपूर्ण वर्ष सेवा में लगाता है, उसे सेवानिवृत्ति के समय परेशान नहीं करना चाहिए। इससे उसे अत्यंत दुख होता है। वह कोर्ट के चक्कर लगाने में जुटकर राहत नहीं ले पाता। जबकि जीवन की संध्या-बेला में परिवार को अधिक समय देने की आवश्यकता होती है।शासकीय विभागों की मनमानी के कारण सर्विस मैटर बढ़ते हैं। इससे सेवानिवृत्त कर्मचारी इंसाफ के लिए भटकने विवश हो जाते हैं। इस रवैये पर अंकुश लगना चाहिए।इसी मंशा से कोर्ट समय-समय पर कठोर निर्देश जारी करता है।