आदरणीय पाठक बंधु सादर अभिवादन स्वीकार हो। हम आपके लिए एक ऐसा धारावाहिक लेख प्रस्तुत कर रहे है, जिसमे चार ऐसे लोंगो की जानकारी विशेष है , जिन्होंने विभिन्न अलग अलग क्षेत्रो पर बहुत अच्छा कार्य करके लोंगो का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया है, जैसा कि आप हेडिंग से उन कार्यक्षेत्रों के बारे में समझ गए होंगे। मेरी पूरी कोशिश होगी कि उन लोंगो के जीवन के कुछ रोचक, सुखद, और संघर्ष के बारे में जानकारी इकट्ठा करके लिख सकूं, और सहज शब्दो के माध्यम से उस भाव को आपके सामने प्रकट कर सकूं, जिससे आप किसी भी घटना क्रम को पूर्ण रूप से सही समर्थन दे सकें। आपका सचीन्द्र मिश्र सीधी ................................................... 📱 चेहरे चर्चित चार📱 कथाकार , प्रोफसर , डॉक्टर और समाजसेवी..... ................................................... ✍️ पंडित बालाव्यंकटेश शास्त्री📱 वरिष्ठ कथाकार ................................................... संगीतमय भागवत कथा के साथ मानव हित कर उपदेश देते हुए मुस्कुराते चेहरे के साथ आज के हमारे मेहमान हैं विंध्य क्षेत्र के प्रसिद्ध कथाकार जिन्होंने अब तक करीब 700 से अधिक भागवत कथा का वाचन किया है वह हैं पंडित बाला वेंकटेश शास्त्री जी.... पंडित वाला वेंकटेश शास्त्री जी का जन्म 9 अक्टूबर 1969 को रीवा जिले के अमिलिकी में हुआ, इनकी प्राथमिक शिक्षा गांव में ही संपन्न हुई और मिडिल की शिक्षा के बाद इनकी संस्कृत शिक्षा पूर्व मध्यमा भितरी से, उत्तर मध्यमा शासकीय व्यंकट संस्कृति महाविद्यालय रीवा से पूर्ण हुई इन्होंने इसी कॉलेज से शास्त्री की पढ़ाई पूर्ण की थी। आगे आचार्य और शास्त्री की पढ़ाई के दौरान स्नातक शिक्षा में मध्य प्रदेश में आपने पहला स्थान हांसिल किया । इसके बाद आप वृंदावन के भागवत विद्यालय में प्रवेश लेकर भागवत कथा में ऐसी दक्षता अर्जित की जो आज देश के कोने कोने में विंध्य का नाम रोशन कर रहे हैं । आपने कथा का श्रीगणेश अपने पैत्रिक क्षेत्र अमिलिकी से महज 13 वर्ष की अवस्था से किया जहाँ आपने गैर संगीत के अपने जीवन की पहली कथा कही। आप सन 1995 से संगीतमय कथा का वाचन शुरू किया और अब अगर गौर करे तो देश के कोने कोने में आपकी संगीत मय कथा के स्वर सुनाई देते है, टीवी और यूट्यूब पर लाईव प्रशारण देखे जाते है, सीधी जिले में भी हर वर्ष पूजा पार्क में बाला व्यंकटेश शास्त्री के संगीतमय कथा की धूम रहती है, आपने अब तक करीब 700 से ऊपर श्रीमद्भागवत कथा का वाचन कर चुके हैं और यह क्रम अभी भी अनवरत जारी है । विंध्य क्षेत्र के रीवा जिले से तालुक रखने वाले पंडित बालाव्यंकटेश शासत्री की परिस्थितियों ने कदम-कदम पर उनकी परीक्षा ली लेकिन उन्होंने आशा, धैर्य, मेहनत का रास्ता नहीं छोड़ा कभी पीछे मुड़कर नही देखा । प्रयास जारी रखे फिर वो दिन भी आया जब सफलता और शोहरत आज कदम चूम रही है आज वह किसी परिचय के मुहताज नही देश के कोने कोने में आज हम जैसे सैकड़ों शिष्यों को उनकी सफलता पर नाज है, भगवान श्री कृष्ण के सिद्धांतों से ओतप्रोत पंडित बालाव्यंकटेश एक अच्छे संस्कृति के ज्ञाता हैं । जो श्रीमद भागवत कथा के मार्फत हिंदूधर्मावलियों को धर्म और आद्यात्मरूपी रास्ते पर चलने की प्रेरणा दे रहे हैं । .......... ........................................ ✍️ डॉक्टर संदीप पाण्डेय📱 प्रोफसर / एंकर ................................................... चर्चित चेहरे में आज के हमारे शिक्षा जगत के मेहमान एक ऐसे शख्स हैं जिनका जन्म सीधी जिले में हुआ उनकी शिक्षा-दीक्षा भी सीधी जिले में ही हुई लेकिन वर्तमान में वे संभाग में सक्रिय हैं और जिले में साल में दो बार बतौर मेहमान आकर अपनी आवाज का जादू दिखाते है, जी हां हम बात कर रहे हैं रीवा इंजीनियरिंग कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर संदीप पाण्डेय की .... जिले में 15 अगस्त और 26 जनवरी के समारोह में लोगों के कान से होकर दिलों को छूने वाली सुमधुर वाणी के उदघोष जिस कंठ से निकलते हैं उनका नाम है संदीप पाण्डेय जिनका जन्म सीधी जिले में 23 मार्च 1973 को हुआ। संदीप मूलत: सिहावल विधानसभा क्षेत्र के ग्राम चंदवाही (बहरी) केपैत्रिक निवासी हैं, करौंदिया उत्तरी सीधी में इनका निवास स्थान है, और वर्तमान में रीवा जिले के शिल्पी उपवन अनंतपुर के निवासी हैं यानि आदमी एक और पते तीन.... संदीप पाण्डेय की प्राथमिक एवं हाई स्कूल तक की शिक्षा सरस्वती विद्या मंदिर सीधी में संपन्न हुई, इसके बाद इन्होंने इंटरमीडिएट की पढ़ाई शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 1 से पूर्ण करने के बाद स्नातक की पढ़ाई संजय गांधी महाविद्यालय सीधी से की भौतिक शास्त्र में स्नातकोत्तर एवं कंप्यूटर साइंस में पीजी डिप्लोमा कि उपाधि इन्होने विश्वविद्यालय शिक्षण विभाग अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय से प्राप्त की। शिक्षा दीक्षा पूर्ण करने के बाद इन्होने सीधी ज़िले के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक में वरिष्ठ अध्यापक के रूप में 8 वर्षो तक सेवा दी तत्पश्चात वर्ष 2007 में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से सहायक प्राध्यापक ( भोतिकशास्त्र ) में चयनित होने के पश्चात शासकीय इंजीनियरिंग कालेज रीवा में 2007 से कार्यरत रहते हुए वर्ष 2019 में एसोसियेट प्रोफ़ेसर पद पर प्रोन्नति प्राप्त की| इन्होने अंतरिक्ष विज्ञान में शोध कार्य करते हुए कई राष्ट्रीय एवम् अंतरराष्ट्रीय स्तर में शोध पत्रों का प्रकाशन करते हुए विभिन्न आयाम पर उपलब्धियाँ अर्जित क़ी इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश संस्कृति मंत्रालय के विभिन्न कार्यक्रमों एवम् राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक आयोजंनो में उद्घोषक की भूमिका में आपकी आवाज़ समय समय पर प्रदेश के कई मंचो से सुनी जाती है । सीधी ज़िले में 15 अगस्त एवम् 26 जनवरी के कार्यक्रम में उद्घोषक के रूप में लगातार 21 वर्षों से ज़िला प्रशासन द्वारा आमंत्रित किया जाता है, साथ ही प्रदेश के कई मंचो से केंद्रीय मंत्री , मुख्यमंत्री एवम् मशहूर गायकों जैसे शान , सुनिधि चौहान आदि के कार्यक्रमों में सफलता पूर्वक संचालन का दायित्व भी आप सम्भाल चुके है । इसके अतिरिक्त विभिन्न शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों में राज्यस्तर पर मोटिवेटर एवं मास्टर ट्रेनर का दायित्व भी आपके द्वारा सफलता पूर्वक निभाया गया है । प्रतिभा के धनी श्री पाण्डेय एक कुशल एंकरिंग के कारण आज समूचे विंध्य में जाने जाते हैं वाणी में विराजमान मां सरस्वती की इन पर अच्छी कृपा है । ............................................... ... ✍️ डॉक्टर मनोज सिंह📱 चिकित्सक ..................... ............................. आज हम चर्चित चेहरे में एक बेहद सरल सहज और विनम्र शख्स के बारे में चर्चा करेगे, सतना के नागौद से आकर सीधी जिले में जनसेवा कर रहे इस शख्स ने कोरोना महामारी के दौर में भी अपनी सेवाओं से जिले वासियों को लाभान्वित किया है और पूर्व में जिले के वरिष्ठ और बेहद चर्चित बाल्य रोग विषेशज डाक्टर स्वर्गीय एस .बी. सिंह का सानिध्य रहा है और वर्तमान में कोविड और समाज सेवा दोनों में अच्छी सहभागिता अदा कर रहे हैं , ऐसे आज के हमारे चिकित्सक है डांक्टर मनोज सिंह परिहार .... डाक्टर मनोज सिंह का जन्म 1 अक्टूबर1979 को सतना जिले के नागौद के ग्राम पवैया में हुआ, आपके पिता श्री राजभान सिंह रिटायर्ड सैनिक अधिकारी है और बाबा लल्ला सिंह जो कि जनसंघी रहे और लगातार 25 वर्षो तक सरपंच पद पर रहे जिनके साथ इनका शुरुआत से ही लगाव रहा और उनके विचारों को अपने मार्गदर्शन के रूप मे अवतरण करना यही इनकी स्वेच्छा रही है। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा 1 से 6 तक सरस्वती शिशु विद्या मंदिर नागौद, 7 से 12 तक सिंधू विद्या मंदिर सतना में पूर्ण हुई। इन्होने राजीव गांधी मेडिकल कालेज इंदौर सै होम्योपैथिक चिकित्सा प्राप्त कर स्वास्थ्य सेवाओं में लीन हो गये । सीधी जिले में इन्होने चाइल्ड लेबर प्रोजेक्ट मे चिकित्सक के साथ ही आयुष्मान क्लिनिक का भी संचालन किया, इसके साथ ही सामान्य चिकित्सक के रूप में निरंतर कार्य कर रहे है| डाक्टर मनोज सन 2017 से भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के संयोजक पद पर निरंतर बने हुए है ये कोरोना महामारी के दौरान पहली और दूसरी लहर में आरआरटी टीम के प्रभारी रहे ह।| सीधी शहर कोविड 19 आयुष चिकित्सक के रूप में कोरोना के दौरान प्रतिदिन करीब150 से 200 कोरोना संक्रिमत लोगो से संपर्क कर उनको यथोचित उपचार व्यस्था की पहल इनके द्वारा कि गई जिससे लोगो को स्वास्थ लाभ मिला,इसके साथ ही सामाजिक जिम्मेदारी को देखते हुए अन्य प्रभावित लोगो को स्वस्थ संबंधित सेवा देने का हरसंभव प्रयास इनके द्वारा किया गया। जिले में डाक्टर मनोज को जानने वाले ये बात भालीभाती जानते है कि सज्जनता इनके स्वाभाव में है और यही वो परिहार है जो वाकई लोगो के यार हैं...... ........................................... ....... ✍️ दीपक गुप्ता📱 समाजसेवी ................................................... जिले के सफलतम व्यवसायियों और समाजसेवी कि अगर बात करें तो एक नाम उभर कर अवश्य सामने आता है जिसने बेहद विनम्रता पूर्वक व्यवहार करते हुए सीधी जिले में विभिन्न क्षेत्रों में अपनी अमिट पहचान बनाई है और एक व्यवसाई क्या होता है यह लोगों को बताया है सीधी जिले के इस लाल ने खट्टे मीठे अनुभव को आत्मसात करते हुए जिले में हर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है आज जिले से लेकर प्रदेश तक उसके कामों की चर्चा हर कोई कर रहा है चाहे वह सकारात्मक हो या फिर नकारात्मक ऐसे व्यक्तित्व के धनी सीधी जिले के एसआईटी कॉलेज समेत कई अन्य संस्थानों के संस्थापक दीपक गुप्ता..... जी हां आज के हमारे इस अंक में हम बात करेंगे दीपक गुप्ता की दीपक गुप्ता एक ऐसा नाम जो जिले में तमाम लोगों को दरकिनार कर अपनी एक अलग पहचान बना चुका है स्वभाव से सरल और मृदुभाषी एक युवा व्यवसाई दीपक गुप्ता ने बेहद कम समय में जिले में अपना वर्चस्व स्थापित किया है दीपक गुप्ता का जन्म 4 जुलाई 1984 को सीधी जिले में ही हुआ इन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा दीक्षा पूर्ण करने के बाद बीबीए की डिग्री हासिल कि और लग गए अपनी पहचान बनाने में इन्होंने जिले में एसआईटी कॉलेज की नींव डाली और उससे बुलंदियों तक पहुंचाया प्रॉपर्टी डीलिंग, स्वास्थ्य निर्माण व व्यवसाय सभी में इन्होंने अपना हाथ आजमाया। दीपक गुप्ता एक ऐसा नाम है जिसको लेते ही सभी के दिमाग में एसआईटी कॉलेज के संस्थापक की छवि उभर कर सामने आती है या फिर एक प्रॉपर्टी डीलर जिसने सीधी जिले में व्यवस्थित भूखंडों के व्यापार की शुरुआत की लेकिन बेहद कमी लोगों को पता होगा कि दीपक गुप्ता करीब दर्जनभर संस्थानों के निर्देशक या मालिक हैं जिनमें एसआईटी कॉलेज सीधी एसआईटी कॉलेज आफ एजुकेशन सीधी एसआईटी पब्लिक स्कूल सीधी एसआईटी विद्यापीठ सीधी ओम साईं ट्रेडर्स सीधी लाइफ केयर हॉस्पिटल सीधी डीजेबी इन्फ्राट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, डीसीबी इन्फ्राट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड शिव ज्ञानेंद्र शिक्षण समिति सीधी अमहा सामाजिक एवं शिक्षण समिति सीधी शामिल है इन सब में दीपक गुप्ता की भागीदारी है । बेहद कम उम्र में दीपक गुप्ता ने विभिन्न क्षेत्रों में कार्य का अनुभव अर्जित किया है जिन पर यदि गौर करें तो पता चलता है कि व्यवसाय में 18 वर्ष, शिक्षा के क्षेत्र में बतौर निर्देशक 15 वर्ष, चिकित्सा और अस्पताल के क्षेत्र में 5 वर्ष व निर्माण और ठेकेदारी के क्षेत्र में इन्हें 3 वर्ष का अनुभव प्राप्त हो चुका है। कहते हैं जो काम करता है त्रुटियां भी उसी से होती है जो काम ही नहीं करेगा उससे गलतियां कहां होंगी, निश्चय ही कार्य के दौरान छोटी बड़ी त्रुटियां हो जाया करती हैं और उसका भुगतान भी मनुष्य को करना पड़ता है लेकिन उनसे उबर कर दोबारा अपने काम में जुट जाना यही एक कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति की पहचान है कई सारे पूर्वाग्रहों व त्रुटियों के कारण भी अतीत में इनके खट्टे मीठे अनुभव रहे हैं पर इन सब को दरकिनार कर दीपक गुप्ता आज भी सक्रिय रुप से जिले में अपने व्यवसाय व अन्य संस्थानों के मार्फत जनसेवा और समाज सेवा में लगे हुए हैं दीपक अपने नाम के अनुरूप दीपक की तरह निरंतर प्रदीप्त हो रहे हैं और आशा है कि जिले का नाम ऐसे ही दैदीप्यमान करते रहेंगे।