आदरणीय पाठक बंधु सादर अभिवादन स्वीकार हो। हम आपके लिए एक ऐसा धारावाहिक लेख प्रस्तुत कर रहे है, जिसमे चार ऐसे लोंगो की जानकारी विशेष है , जिन्होंने विभिन्न अलग अलग क्षेत्रो पर बहुत अच्छा कार्य करके लोंगो का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया है, जैसा कि आप हेडिंग से उन कार्यक्षेत्रों के बारे में समझ गए होंगे। मेरी पूरी कोशिश होगी कि उन लोंगो के जीवन के कुछ रोचक, सुखद, और संघर्ष के बारे में जानकारी इकट्ठा करके लिख सकूं, और सहज शब्दो के माध्यम से उस भाव को आपके सामने प्रकट कर सकूं, जिससे आप किसी भी घटना क्रम को पूर्ण रूप से सही समर्थन दे सकें। आपका सचीन्द्र मिश्र सीधी ................................................... 📱 चेहरे चर्चित चार📱 चिकित्सक - शिक्षक - साहित्यकार और कलाकार .... ... . ... . ............... ........ ............ . ✍️ डॉक्टर बबिता खरे📱 महिला चिकित्सक ................................................... आज हम जिले कि जिस महिला शक्ति से रूबरू कराने जा रहे है उससे शायद ही कोई अनजान हो जिले का प्रत्येक नागरिक उनके नाम और काम से भलीभांति परिचित है और जिले में महिला शक्ति की असली पहचान इन्हें कहा जा सकता है, अपने हुनर और काम के बदौलत जिले में उन्होंने अपनी अमिट पहचान बनाई है और करीब करीब दो दशकों से अधिक का समय उन्होंने सीधी जिले को दिया और अब यंही की निवासी भी बनकर रह रही है, उनके परिचय में उनका नाम ही काफी है सरनेम तो है ही या यू कहे की पति के साथ साथ ये भी सीधी जिले कि स्वास्थ्य व्यवस्थाओ का आधार है जी हाँ हम बात कर रहे है डांक्टर बबिता खरे कि.... बबिता खरे एक ऐसा नाम है जो चिरपरिचित है और जिले में इस नाम ने बहुत नाम कमाया है,डाक्टर एस बी खरे की जीवन संगिनी डाक्टर बबिता खरे महिला रोग विशेषज्ञ के तौर पर जिले में लम्बे समय से कार्यरत हैं । डांक्टर बबिता खरे का जन्म 25 oct 1969 को जबलपुर में हुआ, इनकी प्रारंभिक शिक्षा भोपाल से एवं हायरसेकण्ड्री की पढाई रांची से संपन्न हु। |इन्होने मगध मेडिकल कालेज गया से MBBS की पढाई की है एवं वर्धा के दत्ता मेडिकल कालेज से गायनिक में पीजी कम्प्लीट कर सन 1996 में पी एस सी के मार्फत शासकीय सेवा में आकर मानव सेवा में लीन है , आपने अस्पताल प्रबंधन में डिप्लोमा भी अर्जित किया है। डॉक्टर बबीता खरे एक बेहद ही दक्ष और सहृदय महिला डॉक्टर हैं, इनके द्वारा लगातार सभी तरह के ऑपरेशन किए जा रहे हैं फिर चाहे वह प्रसव के लिए सिजेरियन हो या लेप्रोस्कोप से महिला नसबंदी, इनके द्वारा अब तक कई ऐसे दंपत्ति जो 10 से 15 वर्षों तक संतानहीन थे उन्हें मेडिकल ट्रीटमेंट से ठीक कर उन्हें संतान का सुख प्रदान किया और तो और इनके द्वारा एक सिजेरियन ऑपरेशन ऐसा भी किया गया कि जिसमें एक साथ 3 बच्चे का जन्म हुआ और मां सहित सभी नवजात स्वस्थ होकर अपने घर गए। सीमित संसाधनों में बबिता खरे द्वारा सीधी जिले में लगातार स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है उनके पास लेप्रोस्कोप से नसबंदी और अन्य ऑपरेशन करने में बेहद दक्षता है, मध्यप्रदेश शासन की तरफ से इन्होंने सोनोग्राफी की ट्रेनिंग जबलपुर मेडिकल कॉलेज से प्राप्त की है और आज जिला अस्पताल की सोनोग्राफी वही संपादित कर रही हैं इसके साथ ही कायाकल्प की नोडल ऑफिसर होने के नाते पीएचसी सीएचसी और जिला हॉस्पिटल को कायाकल्प के अनुरूप तैयार करने में जुटी हुई है। लोग कहते हैं पत्नी पति कि अर्धाग्नी होती है लेकिन आपने अपने पति की राह पर ही चलते हए सीधी जिले के लोगो को लगातार स्वास्थ्य सुविधाए देते हुए ये चरितार्थ कर दिया है, आप दोनों पति पत्नी का सीधी जिला हमेशा ऋणी रहेगा । डाक्टर बबिता खरे ने जिले में रहते हुए अपने दायित्वों के निर्वहन के साथ साथ मानवता और सामाजिकता को भी निभाया है अगर यूं कहें कि महिलओं के लिए आप वरदान साबित हुई है ... अतिशयोक्ति नही होगा । जिला चिकित्सालय सीधी में पिछले एक दशक से पदस्थ महिला रोग विशेषज्ञ श्रीमती बबिता खरे द्वारा परिवार नियोजन नसबंदी के क्षेत्र में उल्लेखनीय भूमिका अदा की है वहीं मौत और जिंदगी से जूझ रही सैकड़ो महिलाओं को नया जीवनदान दिया है । प्रसव पीड़ा से तड़पती अधिकांश ऐसी गरीब तबके की महिलाओं के लिये मददगार साबित हुई हैं । दूसरे पहलू की ओर बात की जाये तो पिछड़े जिलों में सुमार सीधी जैसी जगह में स्वास्थ्य के क्षेत्र में महिलाओं के हेल्थ इज बेल्थ के लिये डॉक्टर बबिता खरे ने भले ही कितना अच्छा काम किया हो ... किंतु उसका एहसान नही मिल सकता , कारण कि पैर खिंचाई सीधी की आदत में सुमार है । ................................................... ✍️ श्रीमती अनीता राय📱 शिक्षिका ................................................... आज जिनके बारे में हम बात करने जा रहे हैं वह हमारे जिले के एक छोटे से गांव में पली-बढ़ी एक महिला शिक्षिका है उन्होंने अपनी शिक्षा इसी जिले से पूर्ण कि आज उनके पढ़ाए हुए छात्र छात्राएं शायद ही ऐसा कोई विभाग होगा जहां पर ना हो, वह और कोई नहीं शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय खन्नौधा में पदस्थ सहायक शिक्षिका श्रीमती अनीता राय हैं। अनिता राय का जन्म बीरपुर जिला गाजीपुर उत्तर प्रदेश में हुआ उनके पिता स्वर्गीय श्री रामजी राय सेवानिवृत्त प्राचार्य जो कि गणित के व्याख्याता थे उनके सानिध्य में पढ़ने लिखने के कारण इन्होंने शुरू से ही शिक्षा जगत से जुड़ने का निश्चय कर लिया था।इन्होने प्रारंभिक शिक्षा के उपरांत स्नातक की डिग्री उस्मानिया यूनिवर्सिटी आन्ध्रप्रदेश और स्नातकोत्तर ए पी एस यूनिवर्सिटी रीवा से प्राप्त की । सन 1993 में इन्होंने अपने दो बच्चों तथा पति जो कि एयर फोर्स बीदर में देश की सेवा में कार्यरत थे उनसे दूर होकर चितरंगी ब्लाक के बकिया नामक गांव में अपनी सहायक शिक्षक के पद पर नौकरी प्रारंभ की फिर 1995 से 1998 तक इन्होंने चितरंगी खटाई में अपनी सेवा दी जहां पर अनेकों अभाव तथा चुनौतियों का सामना किया जैसा कि कहा जाता है कि एक शिक्षक के लिए कोई भी समस्या, समस्या नहीं होती वह उसका हल ढूंढ ही लेता है इस बात को उन्होंने बखूबी साबित किया, इन्होंने बच्चों की पढ़ाई के प्रति रुचि और जागरूकता को देखते हुए बच्चों और उनके अभिभावकों की सहमति से अपने उस कार्यकाल में रविवार तथा रात को भी बच्चों को घर पर बुलाकर पढ़ाने का कार्य जारी रखा इनकी चर्चा करने पर उनके कार्यकाल की यादें आज भी ताज़ा हो जाती है । सन 1998 से 2008 तक उन्होंने अपनी सेवा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सीधी खुर्द में दिया जहां पर इनके द्वारा किए गए कार्यों को कलेक्टर एस एन मिश्रा के द्वारा शिक्षक दिवस के अवसर पर सम्मानित किया गया । अभी वर्तमान में यह शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय खन्नौधा में कार्यरत है ये कोरोना काल में मोहल्ला क्लास ,ऑनलाइन तथा गृह संपर्क इन सभी माध्यमों से बच्चों तथा अभिभावकों से सतत जुड़ी रही जिससे बच्चों का शैक्षणिक रुझान बना रहे । गत वर्ष 15 अगस्त के अवसर पर सीधी जिला से एकमात्र छात्रा पूनम केवट का चयन इन्हीं के मार्गदर्शन में भोपाल में शिक्षा मंत्री के सम्मुख देशभक्ति गीत में म. प्र. के 10 जिलो के चयनित छात्रों के साथ गाने के लिए हुआ, इसके साथ ही 5 छात्रों का चयन राष्ट्रीय मींस कम मेरिट छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत तथा 4 छात्रों द्वारा उत्कृष्ट प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण किया गया। यह बच्चों में शैक्षणिक ज्ञान के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान तथा देश के प्रति जिम्मेदार नागरिक बनने की शिक्षा भी देती है इन्होंने जहां भी अपनी सेवाएं दी है वहा न केवल छात्रों बल्कि अभिभावकों ने भी इनके योगदान को सराहा है। उत्तरप्रदेश से चलकर मध्यप्रदेश के सीधी जिले के सेमरिया क्षेत्र से श्रीमती राय का गहरा नाता है , चूंकि पिता श्री की पदस्थापना के चलते अधिकांश समय सेमरिया में ही इस परिवार ने बिताया है , दो दशक पूर्व के लोग पिता श्री के कारण आज भी इस परिवार के मुरीद हैं । पिता श्री के पदचिन्हों पर कायम अनीता राय आज यूपी कल्चर से भिन्न विंध्य कल्चर में रहकर सीधीवासी वन चुकी हैं । मेरी ओर से भी राय परिवार को शुभकामनाएं 🌺 ................................................... ✍️ विजय लक्ष्मी शुक्ला📱 साहित्यकार ................................................... साहित्यकार की पंक्ति में आज हमारे चर्चित चेहरे में एक महिला साहित्यकार से रूबरू होंगे जिन्होंने अपने साहित्य सृजन और कला के माध्यम से समाज में अपनी अलग पहचान बनाई है अपने अस्तित्व को स्थापित करते हुए लोगों के बीच एक प्रेरणा स्रोत बनकर उभरी हैं एवं नारी शक्ति कि शक्ति का प्रतीक बन कर समाज का पथ प्रदर्शन कर रही हैं ऐसी सांस्कृतिक धरोहर की मूर्ति हैं विजय लक्ष्मी शुक्ला "संवेदना" विजयलक्ष्मी शुक्ला का जन्म 16 सितंबर 1985 को शहडोल जिले के जयसिंह नगर अंतर्गत इनके ननिहाल चरहेट में हुआ। इनकी प्रारंभिक शिक्षा सीधी जिले के इंग्लिश मीडियम स्कूल मॉडल स्कूल से हुई माध्यमिक शिक्षा गोतरा व भदौरा और टिकरी से हायर सेकेन्ड्री करने के बाद आपने गर्ल्स डिग्री कॉलेज सीधी से बीएससी की पढ़ाई कि। आपने भोपाल से b.ed वा एपीएस रीवा से समाजशास्त्र में m.a. की डिग्री हासिल कर रीवा से एलएलबी की पढ़ाई पूर्ण की। सामाजिक और साहित्यिक क्षेत्र में सक्रिय विजय लक्ष्मी शुक्ला एक निजी कॉलेज में 2 वर्षों तक अध्यापन का कार्य भी किया है आपकी साहित्यिक धार्मिक और लेखन की गतिविधियों में विशेष रुचि रही है जिसका श्रेय कहीं ना कहीं इनके मामा पंडित धीरेन्द्र आचार्य व पंडित सनत कुमार शास्त्री को जाता है। गीत गजल मुक्तक कहानी उपन्यास आदि सनातनी छंदो पर आधारित सृजन के लिए जाने जाने वाली विजय लक्ष्मी शुक्ला कला के क्षेत्र में एक अत्यंत दृढ़ संकल्पित और समर्पित महिला हैं आप रेडमी पत्रिका के संपादक रह चुकी हैं और आप अध्यात्मिक वक्ता प्रेरक वक्ता के अलावा वह एक ज्योतिष भी हैं इसके साथ ही आप सिंगरौली जिले कि मजदूर व विस्थापित संगठन की नेत्री हैं, मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग में सिंगरौली आयोग मित्र हैं साथ ही जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड सिंगरौली की न्यायिक सदस्य भी हैं आप पीसी एंड पीएनडीटी कम्युनिटी की सदस्य साथ ही वर्किंग वूमेन वेलफेयर कमेटी सिंगरौली की भी सदस्य हैं। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड सिंगरौली की भी आप सदस्य हैं साथ ही राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ट्रेड यूनियन की प्रदेश संयोजिका है। आप विंध्य चेतना मंच के संस्थापक है एवं अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद की प्रदेश संरक्षिका है। श्रीमती शुक्ला द्वारा सत्य संवेदना सेवा संस्थान नाम से एक एनजीओ भी संचालित किया जा रहा है जो कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कई जिलों में कार्यरत है। आपके द्वारा साहित्य के क्षेत्र में योगदान की बात करें तो राष्ट्र भाषा समिति हिंदी कि जिला संयोजक है श्रीमती शुक्ला विगत 15 वर्षों से कई राष्ट्रीय मंच से कविता पाठ करती आ रही हैं साथ ही मध्य प्रदेश दूरदर्शन एवं आकाशवाणी से भी आपका कविता पाठ का प्रसारण हो चुका है आपकी कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें शाक्त तत्व एवं शास्त्र साधना शामिल है साथ ही दो अन्य पुस्तकें प्रकाशाधीन है। अखबारों एवं पत्र-पत्रिकाओं में भी आपकी कई कविताएं प्रकाशित हो चुकी हैं। अपने कई पुस्तकों की भूमिका एवं समीक्षा लेखन का कार्य किया है। आप के समर्पण और साहित्य के लिए आपको कई पुरस्कार प्राप्त हुए हैं जिन में उत्कृष्ट लेखन हेतु राष्ट्रभाषा प्रचार समिति से पुरस्कृत हुए हैं सृजन काव्य कला सम्मान साहित्य शिरोमणि चित्रकूट सम्मान भी आपको प्राप्त हो चुके हैं। अंतर्राष्ट्रीय रामायण मेला इलाहाबाद द्वारा भी आपको सम्मान प्राप्त हुआ है। मध्यप्रदेश शासन द्वारा महिला एवं बाल अधिकार क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु भी आप को सम्मानित किया गया है । विंध्य क्षेत्र की उर्जाधानी सिंगरौली से सामाजिक , राजनीतिक , साहित्यिक और पत्रकारिता के क्षेत्र में आप अपनी अलग अलख जगा रही हैं । ................................................... ✍️ श्रीमती मणिमाला सिंह📱 बघेली कलाकार ................................................... आज की हमारी इस कड़ी में कलाकार के कालम में एक ऐसी महिला कलाकार हैं जिन्होंने संघर्ष के पथ पर चलकर अपना वर्तमान मुकाम हासिल किया है । इनकी प्रस्तुति आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से हो चुके है इनके गीतों की किताब छप चुकी है, आज कि ऐसी ही चर्चित बघेली कलाकार है श्रीमती मणिमाला सिंह..... मणिमाला सिंह का जन्म10 अक्टूबर1967 को सतना जिले के बरहना में हुआ इन्होने एम.ए. (राजनीतिशास्त्र/इतिहास/ समाजशास्त्र), संगीत प्रभाकर की शिक्षा ली है और वर्तमान में महिला बाल विकास विभाग रीवा में पर्यवेक्षक के पद पर कार्यरत है । इनकी उपलब्धियों और विशेषताओं पर गौर करें तो ये आकाशवाणी रीवा में 'ए ग्रेड' कलाकार के रूप में ख्याति प्राप्त है,और इन्होने वर्ष 1990 में एक दूध डेयरी से व्यवसाय की शुरुआत भी कि है. इन्होने वर्ष 92 में आकाशवाणी रीवा में प्रस्तुतयोजक,वर्ष 95 में आकाशवाणी रीवा में लोकगीत गायिका और वर्ष 2000 में पढ़ना-बढ़ना कार्य में भी शामिल होकर लोकहित को साधने का काम किया है । इनके बघेली गीतों का संकलन 'नदिया किनारे हवा' पुस्तक को मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालयद्वारा प्रकाशित किया जा चूका है,इन्होने कई बार आकाशवाणी रीवा के माध्यम से बघेली लोकगीतों का प्रसारण किया है इसके अतिरिक्त आकाशवाणी केंद्र रीवा, छतरपुर, भोपाल, इलाहाबाद, बनारस, ग्वालियर, औरंगाबाद एवं झांसी आदि केंद्रों में भी बघेली लोक गीतों की रंगारंग प्रस्तुति दे चुकी है। आकाशवाणी केंद्र से प्रसारित संगीत रूपक एवं धारावाहिक में गायकी की प्रमुख में आप रही है साथ ही विभिन्न कवि सम्मेलन एवं संगीतसम्मेलनों में आपके द्वारा सस्वर पाठ किये गए है, प्रमुखसमाचार पत्र-पत्रिकाओं में कविताओं एवं लेखों का नियमित प्रकाशन, दूरदर्शन केंद्र भोपाल में समूह के साथ लोकगीत व लोकनृत्य की प्रस्तुतियां, भारत भवन भोपाल में बघेली लोक गीतों की अनेक प्रस्तुतियां देना आदि आपकी उपलब्धिया रही है। आपकी निरंतरता और समर्पण का ही प्रतिफल है कि आपको कई सम्मानों और पुरुस्कारों से नवाजा गया है जिसमे बघेली लोक गीतों में विंध्य कोकिला अलंकरण से विभूषित करना, आकाशवाणी औरंगाबाद द्वारा सांस्कृतिक सम्मान, श्री सेवा साधना संघ द्वारा उत्कृष्टकार्यों हेतु सम्मानित एवं पुरस्कृत, विधायक राजेंद्र शुक्ला एवं विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम द्वारा विशेष सम्मान, ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय माउंट आबू राजस्थान में गीतोंकी प्रस्तुति हेतु प्रमाण पत्र एवं विंध्य सांस्कृतिक सम्मान सहित अनेक सम्मान आपको हांसिल हो चुके हैं । आपको बघेली गीत-गायन, बघेली साहित्य रचना एवं समाज सेवा के प्रति विशेष रूचि है , वर्ष 1997 में आपके द्वारा पहल कर लोकगीत कलाकारों की एक पार्टी बनाई जिसे आकाशवाणी रीवा ने अनुबंधित किया जो आज भी आकाशवाणी और दूरदर्शन की 'ए ग्रेड' पार्टी है, इसके साथ ही लोकनृत्य की पार्टी बना कर करीब 40 लड़कियों को प्रशिक्षित भी किया गया, और वर्तमान में भी आकाशवाणी में ऑडिशन देने वाली लड़कियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है । विंध्य क्षेत्र के सतना , रीवा ,सीधी , सिंगरौली और शहडोल क्षेत्रों में आपका एक अच्छा नाम और सोहरत है । बघेली कला के क्षेत्र में आपकी गायकी गीतों की प्रस्तुति को लेकर जितनी तारीफ की जाये कम होगी ।