जबलपुर (ईन्यूज एमपी)-जबलपुर में फर्जी पुलिस, हिंदू संगठनों की ब्लैमेलिंग गैंग पकड़ी गई है। इस गैंग के सदस्य हिंदू संगठन, क्राइम ब्रांच और पत्रकार बनकर किसी के भी मकान में धावा बोल देते थे। फिल्मी किरदारों की तरह सभी की भूमिकाएं तय रहती थीं। वे घर में मिलने वाली महिलाओं की आपत्तिजनक वीडियो बनाकर रुपयों की डिमांड करते थे। तिलवारा क्षेत्र की रहने वाली 28 साल की महिला ने इनकी पोल खोल दी। पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मामला सामने आने के बाद कुछ और लोग भी शिकायत लेकर आए हैं। फिलहाल पुलिस ने और पीड़ितों के नाम नहीं बताए हैं। मदनमहल थाने में गुरुवार देर रात 28 साल की महिला ने ब्लैकमेलिंग गैंग के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। महिला ने बताया कि आरोपी आपत्तिजनक वीडियो बनाकर एक लाख रुपए मांग रहे थे। पैसे नहीं मिलने पर आरोपियों ने उस वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। पुलिस ने महिला की शिकायत पर अर्पित ठाकुर, रवि बेन, जेपी सिंह, शैलेंद्र गौतम, पंकज गुप्ता, संतोष जैन सहित अन्य के खिलाफ घर में घुसकर मारपीट, छेड़छाड़, आपत्तिजनक वीडियो वायरल करना, धमकी सहित कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। मदनमहल टीआई नीरज वर्मा के मुताबिक, 4 आरोपियों पंकज उर्फ अरुण गुप्ता, विवेक मिश्रा, जेपी सिंह, संतोष जैन काे गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि अन्य फरार आरोपियों की धर-पकड़ के लिए पुलिस की दबिश जारी है। गिरफ्त में आए चाराें आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि ये गैंग पिछले तीन वर्षों से शहर में वसूली कर रहा था। पूर्व में भी कुछ पुलिस वालों के साथ मिलकर पहले रेड और फिर ब्लैकमेलिंग करते थे। गैंग की शिकार महिला ने दर्ज कराई है ये शिकायत महिला ने शिकायत दर्ज कराई है कि उसका पति पैसे आदि नहीं देता है। बेटा भी काफी बीमार था। वह 25 जुलाई को शुक्ला नगर अंजनी विहार मदनमहल में रहने वाली अपनी एक सहेली के घर पैसे उधार लेने गई थी। उसके मकान के फर्स्ट फ्लोर पर टॉयलेट के लिए गई। इतने में नीचे से कुछ लोग नारेबाजी करते हुए ऊपर आ गए। महिला के मुताबिक, अर्पित ठाकुर, जेपी सिंह और उनके साथ कुछ अन्य लड़के थे। वे विभिन्न चैनलों की माइक ID लेकर घूमते रहते हैं, इस कारण उनके नाम वह जानती है। आरोपियों ने उसके आपत्तिजनक वीडियो बना लिए। उस पर आरोप लगाने लगे कि वह वेश्यावृत्ति कर रही थी। मकान में मौजूद उसकी सहेली और दो अन्य युवतियों के साथ भी मारपीट की। मौके पर पुलिस पहुंची तो सभी कुछ देर बाद निकल गए। आरोपी बोले- हमारे साथ पूरी टीम चलती है, खर्च के लिए एक लाख दो पीड़िता के मुताबिक आरोपी जेपी सिंह और अर्पित ठाकुर ने धमकाया कि हमारे साथ पूरी टीम चलती है। लड़कों के खर्च के लिए एक लाख रुपए दो, नहीं तो तुम्हारा आपत्तिजनक वीडियो वायरल कर देंगे। उन्होंने गालियां भी दी। इसके बाद जब आरोपियों को रुपए नहीं मिले तो उन्होंने मेरा आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। महिला ने शिकायत में लिखा है कि कभी-कभी लगता है कि बदनामी के साथ जीने से अच्छा है कि मैं मर जाऊं। मैं सुसाइड कर लूं तो इसके लिए जेपी सिंह, अर्पित ठाकुर, रवि बेन, शैलेंद्र गौतम, पंकज गुप्ता, संतोष जैन और इनके साथ आए अन्य लड़के होंगे। पूछताछ में ये बातें सामने आई है कि ये फर्जी गिरोह बाइपास से लगे थानों जैसे तिलवारा, बरगी, धनवंतरी नगर, माढ़ोताल, विजय नगर, भेड़ाघाट व चरगवां तक सक्रिय था। कार से गिरोह के गुर्गे ग्रुप बनाकर निकलते थे। इनका राेज का टारगेट रहता था। आरोपियों ने क्राइम ब्रांच अफसर और पत्रकार बनकर कई शराब तस्कर, जुआ फड़ चलाने वाले, देह व्यापार के अड्डे पर दबिश देकर लाखों रुपए की वसूली की है। गिरोह से कुछ युवतियां भी जुड़ी हैं। इन युवतियों के जरिए इंजीनियर, बड़े अधिकारी और काराेबारी को फंसाया जाता था। फिर क्राइम ब्रांच, पत्रकार और हिंदू संगठन के पदाधिकारी बनकर शिकार बने व्यक्ति का वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करते थे। चारों की गिरफ्तारी के बाद इनके शिकार बने कई लोग सामने आ रहे हैं। 2018 में SDM और तहसीलदार को फंसा लिया था इस गिरोह ने 29 सितंबर 2018 को पाटन SDM रहे पीके सेनगुप्ता और शहपुरा तहसीलदार रहे अनूप श्रीवास्तव को फंसा लिया था। गैंग ने दो युवतियों को भेजा और दोनों का वीडियो बना लिया। गैंग तहसीलदार को ब्लैकमेल करने लगी। बाद में मामले ने काफी तूल पकड़ा। तब जानकारी आई थी कि आरोपियों के साथ महिला थाने के हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल भी वसूली में शामिल थे। दोनों पुलिसकर्मियों को बाद में निलंबित कर दिया गया था। वहीं धनवंतरी नगर चौकी प्रभारी को हटा दिया गया था। मामले की तत्कालीन एएसपी रहे संजीव उइके ने जांच की थी।