रायपुर(ईन्यूज एमपी)- पूरे प्रदेश में आरटीओ को 25 करोड़ रुपये से अधिक के टैक्स की चपत लगी है। बस, ट्रक सहित अन्य चारपहिया वाहनों के मालिकों ने टैक्स नहीं पटाया है। ऐसे वाहन मालिकों की संख्या 30 हजार है। इनमें से अधिकांश वाहन मालिक 50 से 80 लाख रुपए तक के बकाएदार हैं। टैक्स की आधी राशि पटाकर अपने वाहन सड़कों पर दौड़ा रहे हैं। बहरहाल परिवहन विभाग ने इन 30 हजार वहानों को ब्लैक लिस्टेड कर दिया। इनकी धरपकड़ के लिए उड़नदस्ते का भी गठन किया गया है, लेकिन अधिकांश वाहन प्रदेश के बाहर चले गए हैं। कभी-कभार ही कोई पकड़ में आता है। वैसे आरटीओ ने ब्लैक लिस्टेड वाहन स्वामियों के नए वाहनों का पंजीयन बंद कर दिया है। इसकी भी तोड़ लोगों ने खोज लिए हैं, अपने परिजनों और रिश्तेदारों के नाम से वाहन की खरीद रहे हैं। इससे तमाम ट्रांसपोर्टरों पर कार्रवाई नहीं हो पा रही। वहीं परिवहन विभाग के अफसरों का दावा है कि टैक्स की वसूली की जाती है। सभी ब्लैक लिस्टेड 30 हजार वाहन स्वामियों को आरटीओ ने नोटिस भेजा, लेकिन नाम और पते में अंतर पाए जाने की बात सामने आई है। इससे बकाया टैक्स की वसूली टेढ़ी खीर बन चुकी है। अफसरों का तर्क है कि कुछ वाहन स्वामी जो ट्रांसपोर्टर हैं, वे बकाया टैक्स की राशि किश्तों में जमा कर रहे हैं। लेकिन यहां से खरीद कर बाहर चलाने वाले वाहनों के टैक्स नहीं जमा कर पाए हैं। सॉफ्टवेयर में अब जमा होगा ऑनलाइन टैक्स सॉफ्टवेयर वर्जन वाहन 0.2 में टैक्स की राशि जमा होती थी, लेकिन इसे और अपडेट कर वर्जन वाहन 0.4 लांच कर दिया गया है। इसे 28 सितंबर से पूरे प्रदेश में चालू कर दिया जाएगा। इसके बाद नए वाहनों की खरीदी के बाद टैक्स चोरी पर लगाम लग जाएगी। इसमें वाहन स्वामियों का सारा डाटा फीड रहेगा। बनाई रणनीति फिर नहीं मिली सफलता परिवहन विभाग ने ब्लैक लिस्टेड वाहनों को पकड़ने के लिए कई बार छापेमारी की, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। 12 साल से अधिक पुराने ट्रक, स्कूली बसों और अन्य वाहनों को पकड़ने की रणनीति बनाई गई थी, लेकिन खास सफलता नहीं मिली।