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नहीं रहे भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी; शोक में डूबा देश

दिल्ली(ईन्यूज़ एमपी)- आज शाम 5.05 बजे अटल बिहारी बाजपेयी का निधन हो गया; उनके निधन की ख़बर एम्स प्रशासन द्वारा मेडिकल बुलेटिंग में दी गयी है ।भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) का निधन हो गया है. देश की राजनीति के सबसे करिश्माई और लोकप्रिय चेहरों में से एक वाजपेयी ने 93 साल की उम्र में दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में अंतिम सांसें लीं.

वाजपेयी एम्स के कार्डियो थोरेसिक सेंटर के गहन चिकित्सा कक्ष में थे. किडनी में संक्रमण, छाती में संकुलन और पेशाब कम होने के चलते 93 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता वाजपेयी को बीते 11 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

इस बीच आज सुबह अटल बिहारी वाजपेयी के घर पर एसपीजी की टीम पहुंच गई थी पूरे इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई थी . कई जगह पर बैरिकेडिंग भी कर दी गई थी।

इसके अलावा आज सुबह से ही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं ने एम्स पहुंच उनका हाल जाना. इनके बाद पीएम मोदी भी पहुँचे थे।

इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी एम्स पहुंचे थे,पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्री अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिल्ली पहुच रहे थे।

अटल बिहारी वाजपेयी की खराब तबीयत के कारण आज सुबह से ही भारतीय जनता पार्टी ने देशभर में अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए थे। इसके अलावा भी बीजेपी शासित राज्यों की प्रदेश सरकारों ने भी सभी सरकारी कार्यक्रमों को भी रद्द कर दिया था।

अटल बिहारी वाजपेयी एक सफल नेता होने के साथ ही एक कवि भी रहे. वे हमेशा अपने भाषणों में अपनी कविताएं सुनाया करते थे. अटल भारत में दक्षिणपंथी राजनीति के उदारवादी चेहरा रहे और एक लोकप्रिय जननेता के तौर पर पहचाने गए. लेकिन उनकी एक छवि उनके साहित्यिक पक्ष से भी जुड़ी है.
उन्होंने कई कविताएं लिखीं और समय-दर-समय उन्हें संसद और दूसरे मंचों से पढ़ा भी. उनका कविता संग्रह 'मेरी इक्वावन कविताएं' उनके समर्थकों में खासा लोकप्रिय है।

बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी डिमेंशिया नाम की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे और 2009 से ही व्हीलचेयर पर थे. कुछ समय पहले भारत सरकार ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया था. अटल बिहारी वाजपेयी 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में लखनऊ से लोकसभा सदस्य चुने गए थे. वो बतौर प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूर्ण करने वाले पहले और अभी तक एकमात्र गैर-कांग्रेसी नेता रहे। 25 दिसंबर, 1924 में जन्मे वाजपेयी ने भारत छोड़ो आंदोलन के जरिए 1942 में भारतीय राजनीति में कदम रखा था।

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