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सीधी: स्वस्थ आदतों पर आधारित हुआ बाल चैपाल का आयोजन

सीधी(ईन्यूज़ एमपी)- 3-6 वर्ष तक की आयु के बच्चें गीली मिट्टी के समान होते है। इन्हें मन चाहे आकार में बड़ी सरलता पूर्वक डाला जा सकता हैं। जिस प्रकार मजबूत नीवं टिकाउ इमारत के लिये आवश्यक होती है उसी प्रकार 3-6 वर्ष तक की आयु के बच्चें जो कि हमारे देश का भविष्य है उनकी नीवं मजबूत करने की आवश्यकता है इस आयु की नीवं को मजबूत करनें तथा सर्वागीणं विकास के लिये दो पहलू आवश्यक प्राथमिक अनौपचारिक शिक्षा अर्थात् ई.सी.सी.ई. इसका पोषण आहार।

महिला एवं बाल विकास सेवा इसी कार्य हेतु कई वर्षो से कार्यरत प्रदेश में बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा एक अच्छे वातावरण का होना बेहद जरूरी है। जिसमे बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास सही तरीके से हो। जिसमें नाश्ता/भोजन सही समय पर दिया जाये। इसीलिये आंगनवाड़ी में रोज आना विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के अलावा एक दिन शिशु शिक्षा देखभाल दिवस बाल चैपाल के रूप में भी मनाया जाता है इसका दूसरा नाम ई.सी.सी.ई भी हैं। जिसके अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों पर 3-6 वर्ष बच्चों को ओर उनके माता पिता को बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा अनौपचारिक शिक्षा की जानकारी दी जाती है यह शिशु शिक्षा एवं देखभाल बच्चों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

बाल चैपाल ई.सी.सी.ई दिवस का मुख्य उ६ेश्य माता पिता समुदाय को बच्चों के विकास के लिये संवेदनाशील बनाना तथा उन्हें बच्चों की वृद्ध की निगरानी जोड़ना भी है।

माता पिता समुदाय को बच्चों के विकास को लेकर निम्न विषयों पर लेकर जानकारी बढ़ाना बच्चों में उम्र अनुसार होनें वाली वृद्ध शुरूआती वर्षो में बच्चों की देखभाल के साथ-साथ सबसे महत्वपूर्ण है अनौपचारिक खेल एवं गतिविधियों के द्वारा प्री प्राइमरी शिक्षा की विधियों को सिखाना अनौपचारिक शिक्षा के माध्यम से अनौपचारिक शिक्षा के लिये बच्चों को तैयार करना।
माता पिता को उनके बच्चों की बढ़त विकास एवं सिखानें की स्थित को नियमित रूप से बताना एवं उनकी काउन्सलिंग करना।
माता पिता व समुदाय का आंगनवाड़ी केन्द्र के विकास में सक्रिय भागीदारी के लिये अवसर तैयार करना।

सबसे महत्वपूर्ण आंगनवाड़ी में दी जानें वाली प्री प्राइमरी शिक्षा को बढ़ावा देनां

इसी उ६ेश्य की पूर्ति और तारत्मय में आम महिला एवं बाल विकास परियोजना जिला सीधी अंतर्गत परियोजना अधिकारी डाॅ. शेष नारायण मिश्रा के मार्ग दर्शन में नगर पालिका वार्ड 4, वार्ड 10 में ई.सी.सी.ई समन्वयक अर्चना पाण्डेय की उपस्थित में बाल चैपाल का आयोजन किया गया जिसकी शुरूआत बच्चों के जन्म दिवस मनाने से हुई।

इसके बच्चों के साथ आये अभिभावकों के बीच भी विभिन्न प्रतियोगिता आयोजित की गई ओर प्रथम द्वितीय तृतीय स्थान प्राप्त होने पर सम्मादित हुआ। इसी तरह परियोजना सीधी के समस्त सेक्टर में सेक्टर पर्यवेक्षक मंजुला तिग्गा, सरोज विश्वकर्मा, आशा तिवारी, विद्या सिंह, सुनीता गुप्ता, सुशीला कावड़ें, प्रीति बोवचे, बबिता बघेल, जहांआरा मंसूरी, मीनाक्षी चैहान, के उपस्थिति में समस्त केन्द्रों में मनाया गया।

ज्ञातव्य है कि बाल चैपाल प्रत्येक माह की निर्धारित थीम के आधार पर मनाई जाती है जिसमें पूरे माह के बच्चों द्वारा सीखी गई गतिविधियों को चून कर कुछा गतिविधियों का प्रदर्शन कराया जाता हैं।

जुलाई और बारिश का महीना होनें के कारण (स्वथ्य आदातों पर आधारित बाल चैपाल केन्द्रों में बनाया गयां जिसमें बच्चों को हाथ धुलाई एवं स्वच्छता साफ-सफाई पर आधारित कई गतितिवधियों के माध्यम से बच्चों एवं अभिवावकों को जानकारी एवं महत्व बताया गया।

इस पूरे कार्यक्रम में कार्यकर्ता एवं सहायिका के साथ साथ बच्चों,अभिवावकों, किशोरी बालिकाओं ओर स्थानीय लोगों की उपस्थित रही।

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