सांगली(ईन्यूज एमपी)-सरकारी अस्पतालों की स्थिति सुधारने की लाख कोशिश की जाए लेकिन हालात नहीं सुधरते। ताजा मामले में महाराष्ट्र के सांगली में एक सरकारी अस्पताल ने जिंदा व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया और उसका शव भी परिजनों को सौंप दिया। जबकि वास्तव में वह व्यक्ति अस्पताल में इलाज करवाता रहा। दूसरी तरफ गम में डूबे परिजन जब उसके शव को घर लेकर पहुंचे तो उनके होश उड़ गए। जानकारी के अनुसार सांगली में 50 साल के अवनीश दादासाहेब बगवाडे को लीवर की तकलीफ के चलते अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। इस बीच इलाज के दौरान अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारियों ने उनकी मौत की सूचना परिजनों को दी और शव सौंप दिया। परिजन भी रोते-बिलखते शव लेकर घर पहुंचे। हालांकि, इस बीच उन्हें शव किसी और का होने का अहसास हुआ। आखिरकार घर पहुंचे और अंतिम क्रिया की तैयारियां शुरू हुईं तो पता लगा कि जो शव वो लेकर आए हैं वो अवनीश का नहीं है। इसके बाद वो दौड़े-दौड़े अस्पताल पहुंचे जहां पूछताछ में पता जला कि अवनीश जिंदा है और इलाज जारी है। पूरे घटनाक्रम पर अस्पताल अधिकारी ने कहा कि इस लापरवाही की जांच की जाएगी।