रायसेन : जिले के कई क्षेत्रों में किसानों द्वारा टमाटर, मिर्च, बेंगन तथा कद्दूवर्गीय फसल लगाई गई है। गत 10-12 दिनों से तापमान में वृद्धि होने व मौसम खुलने के कारण सब्जी की फसलों में लीफ कर्ल, झुलसा, फली छेदक इल्ली आदि समस्याएं देखी जा रही हैं। उद्यान विभाग द्वारा किसानों को सलाह दी गई है कि टमाटर व मिर्च की फसल में लीफ कर्ल जिसमें पत्तियां सुकड़ जाती हैं, के नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड तीन मिलीलीटर दवा 10 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। इसी प्रकार टमाटर के फल व पत्तियों में काले रंग के धब्बे बनकर आ रही सड़न के नियंत्रण के लिए मेटालेक्जिल तथा मैंकाजेब दो ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। रायसेन : किसानों को सलाह दी गई है कि बैंगन की फसल में फल व तना छेदक कीट के नियंत्रण के लिए इण्डोक्साकार्ब तीन मिलीलीटर दवा प्रति 10 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। बैंगन में फलों पर काले रंग के धब्बे व फल सड़ने से बचाने के लिए कार्बेन्डाजिम फफूंदनाशक दवा का दो ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। सब्जियों की नर्सरी में पौध गलन से बचाव के लिए कार्बेन्डाजिम या बावस्टिन का दो ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। रबी मौसम में प्याज की खेती के लिए उन्नत प्रजातियों का चयन कर नर्सरी डालने की तैयारी करें व मटर की बुवाई के लिए उन्नत प्रजातियों जैसे आर्किल, बोनबिले, पीएसएम-3 का चयन करने तथा मटर की बुवाई अक्टूबर के प्रथम सप्ताह तक करने की सलाह दी गई है।