सीधी (ईन्यूज़ एमपी): भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का सामना कर रहे पटवारी गोरखनाथ विश्वकर्मा को आखिरकार प्रशासन ने निलंबित कर दिया है। उपखंड अधिकारी मझौली द्वारा जारी आदेश के तहत पटवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबन में रखा गया है। गोरखनाथ विश्वकर्मा वर्तमान में तहसील कार्यालय मझौली में पदस्थ थे और उनके विरुद्ध चल रहे भ्रष्टाचार के प्रकरण में विशेष न्यायालय, सीधी में चालान पेश किया गया है। आरोपी पटवारी गोरखनाथ विश्वकर्मा पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत अपराध क्रमांक 188/2022 दर्ज है। विशेष न्यायालय, सीधी में दिनांक 17 जून 2025 को उनके खिलाफ चालान प्रस्तुत किया गया है, जिसका वि.प्र. क्रमांक 01/2025 है। यह कार्रवाई कलेक्टर (भू-अभिलेख) सीधी के पत्र एवं मध्यप्रदेश शासन की अधिसूचना 17 अप्रैल 1996 के प्रावधानों के आधार पर की गई है, जिसमें कहा गया है कि किसी शासकीय सेवक के विरुद्ध चालान पेश होते ही उसे निलंबित किया जाना अनिवार्य होता है। निलंबन अवधि के दौरान गोरखनाथ विश्वकर्मा को जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा तथा उनका मुख्यालय तहसील कार्यालय मझौली निर्धारित किया गया है। प्रशासन की यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के विरुद्ध सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को दर्शाती है और संदेश देती है कि जनसेवकों से नैतिक व व्यावसायिक आचरण की सख्त अपेक्षा की जाती है।