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मणिपुर के CM एन. बीरेन सिंह ने दिया इस्ती़फा,खिलाड़ी से बने पत्रकार, फिर मुख्यमंत्री तक का सफर..

नई दिल्ली (ईन्यूज़ एमपी): मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। रविवार शाम उन्होंने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इस दौरान उनके साथ बीजेपी प्रवक्ता और सांसद संबित पात्रा सहित अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

उनके इस्तीफे के पीछे विपक्ष की ओर से लाए जा रहे अविश्वास प्रस्ताव को अहम वजह माना जा रहा है। लंबे समय से प्रदेश में जातीय हिंसा और अशांति के चलते उनकी नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठ रहे थे। आखिरकार, मणिपुर की राजनीति में एक बड़ा अध्याय समाप्त हुआ।

खेल के मैदान से राजनीति तक का सफर:
एन. बीरेन सिंह का जीवन कई मोड़ों से होकर गुजरा। 1 जनवरी 1961 को इंफाल ईस्ट जिले के लुवांगसांगबाम ममांग लइकै गांव में जन्मे बीरेन सिंह ने अपने करियर की शुरुआत एक फुटबॉल खिलाड़ी के रूप में की। वे डूरंड कप जीतने वाली सीमा सुरक्षा बल (BSF) की टीम का हिस्सा थे। उनकी रक्षात्मक खेल शैली काफी प्रभावी मानी जाती थी।

खेल के बाद उन्होंने पत्रकारिता का रुख किया और नाहोरोलगी थुआडंग नामक एक स्थानीय अखबार के संपादक बने। कठिन परिस्थितियों में पत्रकारिता करने के बावजूद वे इस क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने में सफल रहे।

राजनीति में प्रवेश और मुख्यमंत्री तक का सफर:
साल 2002 में उन्होंने राजनीति में कदम रखा। उन्होंने डेमोक्रेटिक रिवोल्यूशनरी पीपुल्स पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और पहली बार हिंगांग सीट से विधायक बने। बाद में कांग्रेस में शामिल हुए और मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के करीबी बन गए।

2003 में उन्हें राज्य मंत्रिमंडल में जगह मिली, लेकिन समय के साथ इबोबी सिंह के साथ उनके संबंध बिगड़ते चले गए। 2016 में कांग्रेस से अलग होकर वे बीजेपी में शामिल हो गए। 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बहुमत न होने के बावजूद बीरेन सिंह के नेतृत्व में सरकार बना ली। इसके बाद 2022 में भी उन्होंने सत्ता बरकरार रखी।

मणिपुर हिंसा और इस्तीफे का दबाव:
2023 में मणिपुर में भड़की जातीय हिंसा ने उनकी सरकार को हिला दिया। मैतेई और कुकी समुदायों के बीच संघर्ष ने राज्य को लंबे समय तक अस्थिर रखा। विपक्ष लगातार उनकी विफलता का मुद्दा उठाता रहा।

2024 के अंत तक कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही थी, जिसमें सत्ता पक्ष के कुछ विधायकों के भी समर्थन की चर्चा थी। इस दबाव के बीच उन्होंने आखिरकार इस्तीफा दे दिया।

अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि मणिपुर का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। बीजेपी जल्द ही इस पर फैसला ले सकती है। वहीं, बीरेन सिंह का राजनीतिक भविष्य क्या मोड़ लेता है, यह देखना दिलचस्प होगा।

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