भोपाल (ईन्यूज एमपी) आज शुबह से ही प्रदेश के बालाघाट, छतरपुर, मैहर, मऊगंज, पन्ना, रीवा, सतना, सिवनी, शहडोल, सीधी, सिंगरौली में अलग-अलग स्थानों पर बिजली गिरने के साथ भारी बारिश होने की संभावना जताई जा रही है ।आखिरकार लगभग 10 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद हो रही अच्छी बरसात से पगारा बांध में पानी का जलस्तर बढ़ता गया है । बांध के 654 फीट क्षमता से जल स्तर 654.80 फीट तक पहुंच जाने पर ऑटोमेटिक 02 गेट खुल गए हैं । बरसों पुरानी इस पगारा बांध का कैचमेंट एरिया कई स्क्वायर किलोमीटर का है, जिसमें श्योपुर , शिवपुरी तथा मुरैना जिला का जंगल व पथरीला क्षेत्र शामिल हैं। इन रास्तों से बरसात का पानी पगारा बांध में जमा होता है। इस पानी से मुरैना व भिंड जिले के किसानों को रवि की फसल में काफी लाभ होता है, विशेष कर गोहद तहसील के किसान इस पानी से रवि की फसल में काफी लाभान्वित होते हैं । इस पगारा बांध के पानी से लगभग 28000 हेक्टेयर क्षेत्र में रवि की फसल की सिंचाई होती है । पिछले लगभग 10 वर्ष से बरसात नहीं होने से पगारा बांध पानी से नहीं भर पा रहा था। विगत वर्ष क्षमता का मात्र 75 प्रतिशत ही भराव हुआ था। जिससे भिंड जिले के लोगों को रवि की फसल के लिए पानी की कमी महसूस हो रही थी। उपरी क्षेत्र में इंद्र देवता की मेहरबानी से लगातार हो रही बरसात से अब 10 वर्ष बाद पगारा बांध का जल स्तर उसकी क्षमता 654.80 फीट तक भर चुका है जिसके चलते उसके दो ऑटोमेटिक गेट खुल चुके हैं । जब कि 4 गेट अभी भी बंद है। बांध से पानी छोड़े जाने से आसन नदी के डाउनस्ट्रीम में जल स्तर बढ़ाने की स्थिति को देखते हुए निकटवर्ती गांव में सूचना दी गई है। नदी के किनारे व जल भराव वाले क्षेत्र से ग्रामीणजन को दूर रहने को बताया गया है। पगारा बांध का जलस्तर क्षमता से 3 फीट अधिक होने पर अपने आप सभी 6 गेट खुल जाते हैं । पगारा बांध पर पानी का नजारा देखने के लिए भी सैलानियों की भीड़ प्रतिदिन पहुंच रही है।