सतना(ईन्यूज एमपी)- अभी-अभी खबर मिली है एमपी के कद्दावर नेता व पूर्व राज्य मंत्री हर्ष नारायण सिंह का कल देर रात लंबी बीमारी के चलते सतना के बिरला हॉस्पिटल में निधन हो गया। आपको बता दे की शिवराज कैबिनेट में उन्हें 2016 में जल संसाधन राज्य मंत्री बनाया गया था साथ ही वह सीधी जिले के प्रभारी मंत्री भी रहे हैं। वह पहली बार 1980 में कांग्रेस के टिकट से चुने गए थे। फिर वह 1985 और 2003 में भी चुने गए। 2013 में उन्होंने चौथी बार चुनाव जीता था। आपको बता दें कि 2016 से ही बतौर राज्य मंत्री वह बीमार चल रहे थे इसके बाद 2018 के लिए उनका टिकट काट दिया गया था। आपको बता दे कि पूर्व राज्य मंत्री हर्ष नारायण सिंह स्वर्गीय गोविंद नारायण सिंह के बेटे थे। मध्य प्रदेश की चौथी विधानसभा 1967 से 72 तक मुख्यमंत्री रहे हैं। गोविंद नारायण सिंह की मध्य प्रदेश के कद्यावर नेताओं में गिनती की जाती थी। 1941 में आतंककारी कार्य के लिये उन्हें नजरबन्द किया गया था, 1942 के अगस्त आन्दोलन से 1944 तक कारावास हुई. 1946 से 1947 के अन्त तक बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में लेक्चरार तथा गवेषणा कार्य. एक और बड़ी बात बता दे कि 1948 में गोविंद नारायण सिंह भारतीय प्रशासन सेवा के लिये चुने गए थे, इसके बाद उनकी नियुक्ति विन्घ्यप्रदेश सरकार के अंतर्गत असिस्टेन्ट रीजनल कमिश्नर के पद पर कर दी गई। नियुक्ति और कार्यभार ग्रहण करने के दूसरे दिन ही पद त्याग कर सियासत में प्रवेश कर लिया था। गोविंद नारायण सिंह के बेटे हर्ष नारायण सिंह के निधन के बाद समूचे विंध्य प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके शुभचिंतक व चाहने वालों का उनके घर में तांता लगा हुआ है। उनके परिवार जनों की माने तो कल प्रयागराज में हिंदू रीति रिवाज के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। वहीं आज दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर कोठी में रखा गया है । उनके बेटे विक्रम सिंह ने सोशल मीडिया X पर जानकारी दी है कि अंतिम संस्कार दिनांक 17 मार्च को प्रयागराज में किया जाएगा.