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सीएमएचओ ने सिविल सर्जन और आरएमओ को थमाया नोटिस

सतना (ईन्यूज एमपी)-सर्पदंश से मासूम की मौत के बाद उसका शव ले जाने के लिए वाहन उपलब्ध न कराए जाने के मामले को प्रशासन ने संजीदगी से लिया है। कलेक्टर ने इस मामले में जहां नाराजगी जताई है वहीं सीएमएचओ ने सिविल सर्जन और आरएमओ को नोटिस थमा दिया है।


सतना जिला अस्पताल में इलाज के दौरान सर्पदंश से पीड़ित 4 साल की मासूम नियांशी डोहर की मौत के बाद उसका शव ले जाने के लिए शव वाहन उपलब्ध न कराए जाने के मामले में सरकारी सिस्टम और संवेदनशीलता पर सवाल उठे तो प्रशासन भी हरकत में आया।

सीएमएचओ डॉ एलके तिवारी ने इस मामले में सरदार वल्लभ भाई पटेल जिला अस्पताल के सिविल सर्जन और आरएमओ को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। सीएमएचओ ने पूछा है कि मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रख कर रोगी कल्याण समिति के मद से किराए पर शव वाहन उपलब्ध कराने का प्रबंध आखिर क्यों नहीं किया गया।

जबकि पहले भी इस संबंध में स्पष्ट निर्देश दिए जा चुके हैं कि असहायों और गरीबों को शव वाहन उपलब्ध न हो पाने की दशा में उन्हें रोगी कल्याण समिति से किराए पर यह सुविधा दी जानी है। सीएमएचओ ने शव ले जाने के लिए वाहन न दिए जाने पर जवाब तलब करते हुए भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न होने की हिदायत भी दी है।

बता दें कि मंगलवार की रात जिला अस्पताल लाई गई सर्पदंश पीड़िता नियांशी की मौत हो गई थी। सुबह उसका शव ले जाने के लिए उसके परिजनों को शव वाहन उपलब्ध नहीं कराया जा सका। उनकी आर्थिक स्थिति भी ऐसी नहीं थी कि वे किराए पर वाहन कर के शव को ले जा सकें।

नतीजतन शव को गोद में उठा कर बाइक पर सतना से लगभग 30 किमी दूर डांडी टोला जैतवारा ले जाना पड़ा। इंसानियत को शर्मसार करने वाली यह घटना कलेक्टर अनुराग वर्मा के संज्ञान में आई तो उन्होंने सख्त नाराजगी जताते हुए सीएमएचओ को इस मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए थे।


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